अगर आप में प्रतिभा है तो उम्र मायने नहीं रखता है. किसी भी उम्र में आप अपनी प्रतिभा से दुनिया को चौंका सकते हैं. ठीक इसी तरह से जमशेदपुर की रहने वाली गृहणी रूपा झा ने अपनी मधुबनी पेंटिंग से लोगों को दांतों तले उंगुली दबाने को मजबूर कर दिया. रूपा झा के पति आशुतोष झा बताते हैं कि यह सबकुछ एक जादू की तरह हो गया. आशुतोष झा की शादी 18 साल पहले हुई और उन्हें 16 साल बाद पता चला कि उनकी पत्नी में पेंटिंग की अनोखी प्रतिभा छुपी हुई है.
हुआ यूं कि आज से दो साल पहले साल 2020 के मार्च महीने में जब कोरोना लॉकडाउन के चलते बाहर निकलने पर पाबंदी लगी थी, तो घर पर बैठे-बैठे रूपा झा को पति आशुतोष झा ने मोबाइल पर मधुबनी पेंटिंग दिखाया. इसपर रूपा झा ने कहा कि इसे तो हम भी बना सकते हैं. आशुतोष झा ने कहा कि तो बनाकर दिखाओ. शाम तक रूपा झा ने यूट्यूब देखकर मधुबनी पेंटिंग बना दिया. पेंटिंग देखकर आशुतोष आश्चर्यचकित हो गये. पत्नी को एक और बनाने को कहा.
रूपा झा की पेंटिंग भारत ही नहीं अन्य देशों में भी देखी और खरीदी जा रही
फिर क्या था रूपा झा ने सोशल साइट्स पर पहले मिथिला पेंटिंग्स के गुर सीखे, फिर पति के सुझाव पर ही मिथिला और वर्ली पेंटिंग का फ्यूजन बनाया. इसके बाद तो रूपा की नैसर्गिक कलाकारी इस कदर उमड़ पड़ी कि पेंटिंग देखने वाला हर कोई वाह-वाह कर उठा. इसके बाद शिक्षक व साहित्यकार पति आशुतोष झा ने अपनी पत्नी रूपा झा को मिथिला और मधुबनी पेंटिंग सीखने-बनाने की सलाह दी. आज दो साल बाद रूपा झा की पेंटिंग भारत ही नहीं अन्य देशों में भी देखी और खरीदी जा रही है.
अबतक बना चुकी हैं सौ पेंटिंग्स
रूपा झा ने 2020 मार्च से अब तक करीब 100 पेंटिंग्स बना ली है. जिसमें दुर्गापूजा के दौरान मिथिला व वर्ली पेंटिंग से मां दुर्गा के नौ रूपों का चित्रण किया, तो दीपावली के विविध रूपों को दिखाती पांच पेंटिंग बनाई है. छठ पूजा पर आधारित पेंटिंग्स भी बना चुकी हैं.
रूपा झा अब मिथिला पेंटिंग्स के साथ मंडला आर्ट और कलमकारी को भी जोड़ेंगी. रूपा झा कहती हैं कि मिथिला पेंटिंग्स में रंगों की बंदिश नहीं होती है. रेखाचित्र के आधार पर आकृति बनाई जाती है. अमूमन मिथिला आर्ट शादी-ब्याह या कोहबर से जुड़ा है, जिसमें मिथिला की परंपरा को दर्शाया जाता है. वहीं वर्ली आर्ट में कोई स्पष्ट आकृति नहीं होती है. इसमें हर आकृति की परछाई दिखाई जाती है. इसी तरह मंडला आर्ट और कलमकारी कलम या पेन का प्रयोग होता है. इसमें काले रंग की स्याही का इस्तेमाल होता है.
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