
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है. खनन पट्ट से जुड़े मसले पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने उन्हें 10 दिन का समय दिया है. इससे पहले खनन लीज मामले में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने 10 दिन का समय मांगा था.
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नाम खनन पट्टा आवंटन के मामले में अपना जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से चार सप्ताह का समय मांगा था. चुनाव आयोग को मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग के मामले में मिली नोटिस का जवाब देने की समय सीमा के अंतिम दिन आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आयोग को पत्र लिखकर जवाब के लिए चार सप्ताह का और समय मांग लिया.मुख्यमंत्री की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता गिरिडीह के पार्टी विधायक सुदिव्य कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन कर यह जानकारी दी.
जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती
उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीएन खरे की कानूनी सलाह भी ली है जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस खदान की लीज अपने नाम आवंटित कराने के इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती है. यदि चुनाव आयोग इस कानून के तहत उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो वह पूरी तरह असंवैधानिक और गलत होगा.
बता दें कि आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री को खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा रवि रंजन एवं सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया था.

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