झारखंड सरकार ने जमीन आवंटन में गड़बड़ी और अतिक्रमण मामले में झारखंड राज्य आवास बाेर्ड के जमशेदपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार सिंह काे पद से हटा दिया है। सरकार ने उन्हें रांची नगर निगम में पदस्थापित किया है। अब संजीव के साथ-साथ दो अन्य कार्यपालक अभियंता बीके लाल और विनाेद कुमार के कार्यकाल में जमीन आवंटन मामले की जांच होगी।
आरोप है कि इनके कार्यकाल में बिल्डराें काे जमीन मिल गई, लेकिन जरूरतमंदाें काे आवंटन के बाद भी जमीन नहीं मिली। इस संबंध में कई आवंटियों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाइकोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार ने 22 मार्च 2022 को आवास बाेर्ड के सचिव जार्ज कुमार काे निलंबित कर दिया।
अब बोर्ड के इकलौते कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार सिंह पर गाज गिरी। संजीव के खिलाफ कार्रवाई हाेने से आवास बाेर्ड के सभी 5 प्रमंडल कार्यपालक अभियंता विहीन हाे गए हैं। संजीव के पास रांची प्रमंडल का भी प्रभार था।
जार्ज मामले में सुनवाई 27 जुलाई को
आवास बाेर्ड के निलंबित सचिव जार्ज कुमार ने हाइकोर्ट में निलंबन मुक्त व संपत्ति जांच करने के आदेश काे रद्द करने काे लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की है।
इस मामले में 27 जुलाई काे हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई हाेगी। इससे पहले हाइकोर्ट की सिंगल बेंच ने भ्रष्टाचार व आवंटियों काे जमीन नहीं देने के मामले में सरकार काे निलंबित करने का निर्देश दिया था।
अपने कार्यकाल में बिल्डराें काे जमीन दी, लेकिन जरूरतमंदाें काे नहीं
- आदित्यपुर कुलुपटांगा माैजा में एसएन हाईस्कूल के पास आवास निर्माण
- एमआईजी में बहुमंजिली आवासीय कॉम्प्लेक्स निर्माण
- ट्रांसपाेर्ट काॅलाेनी में खरकई नदी किनारे आवास निर्माण व फ्लैट आवंटन का काम
तीन मामलों से समझें जमीन आवंटन में गड़बड़ी
7 साल पहले रद्द प्रस्ताव पर बिल्डर को दोबारा जमीन आवंटन
आवास बाेर्ड के प्रस्ताव पर झारखंड कैबिनेट ने 10 फरवरी 2022 को ऑर्बिट रियल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि (कोलकाता) को आदित्यपुर हरिओम नगर में 13.284 एकड़ भूमि आवंटित की। सरकार ने 7 साल पहले इसी कंपनी को ज्वाइंट वेंचर के तहत योजना को रद्द कर आवंटित जमीन का करार वापस ले लिया था।
लॉटरी के 111 आवंटियों काे अब तक नहीं मिली जमीन
2011 में आवास बाेर्ड की जमीन आवंटन काे लेकर लाॅटरी हुई थी। इसमें आदित्यपुर में 111 लाेगाें काे वह जमीन आवंटित की गई, जिस पर अतिक्रमण है। लॉटरी के बाद लोगों ने सरकार के खाते में जमीन की राशि भी जमा कर दी, पर आज तक कब्जा नहीं मिला। अब सभी आवंटियों ने दूसरी जगह जमीन देने की मांग की है।
तीन साल पहले आवंटन में गड़बड़ी काे लेकर गए थे हाईकाेर्ट
2019 में आवास बाेर्ड से अतिक्रमण जमीन मिलने पर शशि लाल और राजेंद्र राम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। आवंटियों ने हाइकोर्ट काे जानकारी दी कि आवास बोर्ड ने उन्हें जमीन आवंटित किया था। लेकिन जमीन पर अतिक्रमण है। इस पर आवास बाेर्ड से दूसरी जमीन देने की मांग की। लेकिन बाेर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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