झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे में चार की मौत हो गई l इस हादसे में फंसे लोगों को बचाने के लिए कई एजेंसियों ने संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था l ये हादसा कैसे हुआ, इसके पीछे कौन जिम्मेदार है, जैसे सवालों का जवाब मिलने में वक्त लगेगा l इस बीच रोपवे हादसे का एक दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है l
भगवान को पुकार रहे थे लोग
जिस वक्त हादसा हुआ ट्रॉली में सवार लोगों में हड़कंप मच गया. चीख पुकार मच गई l करीब 1 मिनट 17 सेकेंड के इस वीडियो में भगवान को याद करते लोगों की आवाजें वीडियो में सुनाई दे रही हैं l कोई हनुमान जी को याद कर रहा था तो कोई घबराहट में रो रहा था l
वीडियो में त्रिकूट पहाड़ की ऊंचाई साफ दिख रही है l वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक झटके में रोपवे हिल गया l आप भी देखिए ये एक्सक्लूसिव वीडियो l
देवघर रोपवे हादसे का अनदेखा वीडियो आया सामने….#DeogarhAccident
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें – https://t.co/asaJAv45ul pic.twitter.com/3qQZcFpjrz
— Zee News (@ZeeNews) April 13, 2022
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
इस हादसे को लेकर झारखंड की सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है l इस महाअभियान में भारतीय सेना के एक बिग्रेडियर, दो कर्नल के साथ 50 जवान और मेडिकल टीम यहां दिन-रात लोगों को बचाने में जुटी थी l
वहीं आइटीबीपी के 50 जवान व अधिकारी भी रेस्क्यू में मुस्तैद रहे l NDRF के 70 जवानों के साथ ही वायुसेना के 5 हेलीकाप्टर के साथ करीब 20 लोगों की टीम रोपवे में फंसे लोगों को निकालने में जुटी रही l वहीं देवघर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ 100 से अधिक पुलिस बल भी रेस्क्यू में शामिल थे l
मेंटेनेंस के नाम पर क्या महज खानापूर्ति
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रोपवे बनाने की प्रक्रिया 2010 में शुरू हुई जब झारखंड सरकार ने भारतीय रेलवे के तत्वावधान में भारत सरकार के उद्यम RITES को बतौर कंसल्टेंसी फर्म नियुक्त किया l झारखंड पर्यटन विभाग के निदेशक राहुल सिन्हा के अनुसार, इसके बाद, दामोदर रोपवे और इंफ्रा लिमिटेड (DRIL) को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ठेका दिया गया l DRIL को रोपवे के डिजाइन, निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई l इसके बदले में कंपनी राज्य सरकार को वार्षिक लाइसेंस शुल्क का भुगतान करती है l’
2014 में झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और DRIL के बीच रोपवे प्रणाली के रखरखाव के लिए एक समझौता हुआ था l यह समझौता 16 मई 2014 को अमल में आया और यह तय किया गया कि एग्रीमेंट को पांच साल की अवधि के लिए तीन बार बढ़ाया जा सकता है l मोटे तौर पर समझौता यह सुनिश्चित करने के लिए था कि रोपवे सुरक्षा के उच्चतम स्तरों के साथ हमेशा सुरक्षित और कार्यात्मक रहे l
कंपनी पर कर्मचारियों ने ही लगाए आरोप
वार्षिक, अर्ध-वार्षिक और त्रैमासिक रखरखाव के अलावा, रोपवे की दैनिक जांच भी की जानी थी. इसके अलावा, समय-समय पर रेस्क्यू ड्रिल भी अनिवार्य थीं l एग्रीमेंट में हर तीन महीने में बचाव अभियान का पूर्वाभ्यास करने की बात कही गई है l रिपोर्ट के मुताबिक DRIL के महाप्रबंधक (वाणिज्यिक) Mahesh Mahota का कहना है कि कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया l हालांकि, DRIL के कुछ कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि मेंटेनेंस ट्रॉलियों का शायद ही कभी इस्तेमाल किया जाता था l उनका ये भी कहना है कि कंपनी ने रेस्क्यू रिहर्सल पर भी ध्यान नहीं दिया l
आखिर कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि 16 मिमी व्यास वाली स्टील की रस्सी शाफ्ट से फिसल गई, जिसकी वजह से टूरिस्ट को लेकर जा रही ट्रॉली बीच में फंस गई और लोग घंटों तक हवा में अटके रहे l घटना के सटीक कारण का पता विस्तृत जांच के बाद ही लग पाएगा l
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!