
सिविल कोर्ट, सरायकेला में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए के कुशल मार्गदर्शन में 09 मई को एक महत्वपूर्ण साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूक करना था, ताकि वे इन खतरों से बचाव के लिए तैयार हो सकें।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम अभ्यास और साइबर अपराधों से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डाला। इस दौरान, प्रतिभागियों को साइबर अपराधों के विभिन्न प्रकार और उनसे बचाव के उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों की भूमिका
जागरूकता कार्यक्रम में डीएसपी मुख्यालय प्रदीप उरांव, एपीपी कपिल समद, तिवारी, और बलभद्र पुर्टी के साइबर सब इंस्पेक्टर दानिश इकबाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन विशेषज्ञों ने साइबर कानूनों पर अपनी जानकारी दी और लोगों को साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया। विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों से बचाव के तरीकों और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम अभ्यासों पर चर्चा की, जिससे लोगों को साइबर खतरों से बचाव में मदद मिली।
प्रतिभागी
कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष एवं सदस्य, अर्ध कानूनी स्वयंसेवक और अन्य संबंधित व्यक्ति प्रतिभागी के रूप में उपस्थित थे। उनकी सक्रिय भागीदारी और उत्साह ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डीएलएसए सचिव की महत्वपूर्ण टिप्पणी
डीएलएसए सचिव तौसिफ मेराज ने साइबर जागरूकता कार्यक्रम में आईटी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों पर जोर दिया, जो धोखाधड़ी वाले लेन-देन के खिलाफ सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूकता और तकनीकी दक्षता का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से लोगों को साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने और उन्हें ऑनलाइन खतरों से बचाव में मदद मिलेगी।
साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदमों पर भी चर्चा की गई। इनमें शामिल हैं:
– जागरूकता कार्यक्रम : लोगों को साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
– तकनीकी दक्षता : साइबर अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी दक्षता का होना आवश्यक है।
– साइबर भवन : साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष सुविधा केंद्र।
निष्कर्ष
साइबर जागरूकता कार्यक्रम ने लोगों को साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने और उन्हें ऑनलाइन खतरों से बचाव में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमें विश्वास है कि इस तरह के कार्यक्रमों से समुदाय में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोग ऑनलाइन खतरों से बचाव के लिए तैयार होंगे।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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