
झारखंड में कथित रूप से बढ़ रही धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर पूर्व सीएम ने सरकार की नीयत पर उठाया सवाल
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने राज्य में कथित रूप से बढ़ रही धर्मांतरण की घटनाओं के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस मुद्दे पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। राज्य की महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होनें पूछा कि- “आखिर किस के संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है?” सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे धनबाद की एक युवती के एफिडेविट के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में एफिडेविट के आधार पर धर्म परिवर्तन अथवा विवाह वैध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह “लव जिहाद” का हिस्सा है और लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
नीमडीह की घटना की तरह ही इस बार भी युवती की उम्र 19 वर्ष बताई जा रही है
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नीमडीह की घटना की तरह ही इस बार भी युवती की उम्र 19 वर्ष बताई जा रही है, जो संदेहास्पद प्रतीत होती है। एफिडेविट में न तो तस्वीर है, न ही किसी प्रकार का प्रमाण पत्र संलग्न है। फिर उसे कैसे सही माना जाए ? पूर्व मुख्यमंत्री ने झारखंड धर्म स्वतंत्र अधिनियम (2017) का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में धर्म परिवर्तन से पूर्व संबंधित व्यक्ति को जिलाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है। नियमों के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान होने के बावजूद, राज्य सरकार ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
कहीं कोई सुनियोजित षड्यंत्र तो नहीं चल रहा है ?
सरायकेला-खरसवां जिले के नीमडीह की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब युवक और युवती दोनों एक ही गांव के निवासी हैं, तो फिर धर्म परिवर्तन के लिए पश्चिम बंगाल के आसनसोल और विवाह प्रमाण पत्र के लिए वीरभूम का सहारा क्यों लिया गया? इससे यह संदेह और गहरा हो जाता है कि कहीं कोई सुनियोजित षड्यंत्र तो नहीं चल रहा है।
सरकार की चुप्पी क्या दर्शाती है ?
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इन मामलों में चुप्पी साधे बैठी है, क्योंकि उसे समाज की सुरक्षा और बेटियों की चिंता से अधिक अपने वोट बैंक की फिक्र है। उन्होंने बोकारो में बीएसएल प्रबंधन द्वारा हाल ही में पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों का जिक्र करते हुए पूछा कि ऐसे मामलों में भी सरकार की चुप्पी क्या दर्शाती है?
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उन्होंने समाज से ऐसे मुद्दों पर सजग और जागरूक रहकर सख्त कदम उठाने की अपील की, अन्यथा ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती चली जाएंगी।
पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के फर्जी जन्म-प्रमाण पत्र के मामले में हुई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि संथाल-परगना से लेकर कोल्हान एवं छोटानागपुर से लेकर पलामू प्रमंडल तक, जिस प्रकार राज्य में फर्जी प्रमाण पत्रों की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाया जा रहा है, उसकी जाँच होने पर ऐसे लाखों घुसपैठिए मिलेंगे।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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