लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का दूसरा दिन काफी गरमागरम रहा. आज राहुल गांधी ने अपने पूरे भाषण में करीब 35 मिनट का समय लिया और शुरुआत एक ऐसे नाम से की जिसने कई बार उन्हें और कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने घेरा है. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस मुख्य रूप से तीन ‘एम’ के इर्द-गिर्द घूमती है। राहुल गांधी के भाषण की तीन सुश्री थीं- मोदी, मणिपुर और महिला।
विपक्ष के हर नेता की तरह आज राहुल गांधी ने भी अपने भाषण को इन तीन हिस्सों में बांटा. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला और बताया कि हिंसा का महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर न जाने का मुद्दा उठाया और महिलाओं के एंगल से इस मुद्दे को उठाया और मणिपुर में हो रही हिंसा को भारत माता की हत्या से जोड़ दिया. राहुल गांधी ने आज जिस मुद्दे से बहस शुरू की वो मुद्दा था अडानी का और जिस मुद्दे के साथ राहुल गांधी ने अपना भाषण खत्म किया वो था भारत माता की हत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल.
राहुल गांधी मणिपुर को अपनी राजनीतिक लड़ाई का ग्राउंड जीरो बनाने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने इस ग्राउंड जीरो पर हिंसा की स्थिति बताते हुए केंद्र सरकार की विफलता का जिक्र किया. तब उन्होंने वहां राहत शिविरों में हिंसा की शिकार महिलाओं की कहानी सुनकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. अंत में, उन्होंने मणिपुर की स्थिति को देश की स्थिति बताया और भारत माता की हत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, इस बयान पर अमित शाह और स्मृति ईरानी जैसे केंद्र सरकार के नेताओं की बड़ी प्रतिक्रिया हुई।
राहुल गांधी ही नहीं पूरा विपक्ष जानता है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग भी हुई तो सरकार पर कोई दबाव नहीं बनेगा. लेकिन इतना तय है कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए कुछ मुद्दों पर सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहता है. यानी आज राहुल गांधी का बयान हो या फिर विपक्षी नेताओं द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ दिया गया कोई भाषण.
मणिपुर हिंसा पर राहुल गांधी के भाषण के बाद लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. जब तक उन्होंने राहत शिविरों की महिलाओं का दर्द सदन में उठाया, तब तक सदन की स्थिति सामान्य कही जा सकती थी, लेकिन जैसे ही उन्होंने जोश में आकर हालात का वर्णन करते हुए ‘भारत की हत्या’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया. मणिपुर जैसे देश के हालात, लोकसभा में हंगामा
राहुल गांधी के भाषण के इस हिस्से ने सत्ता पक्ष को गुस्से से लाल कर दिया. वजह ये थी कि इस हिस्से में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को रावण की लंका बताया था, जिसके बाद सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला गया था. इस हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, गृह मंत्री अमित शाह और अडानी का भी नाम था. जब सत्ता पक्ष के दो बड़े नेताओं पर एक साथ हमला हुआ तो सत्ता पक्ष के नेताओं का गुस्सा फूटना स्वाभाविक था.
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