मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज पट्टा के मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड के राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के केस में चुनाव आयोग का फैसला क्या होगा, यह फिलहाल भविष्य के गर्त में है। लेकिन इसके पहले सोशल मीडिया से लेकर सियासी हलके में बहस छिड़ गई है। आयोग का फैसला मुख्यमत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आता है तो संभावित राजनीति किस करवट बदलेगी इस पर कयासबाजी भी जारी है।
शनिवार को महागठबंधन के विधायक दलों की बैठक भले ही घोषित तौर पर सुखाड़ पर हुई, लेकिन इसे ताजा राजनीतिक परिदृश्य से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मीटिंग के बाद भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने ‘भाभी जी’ कहते हुए एक ट्वीट किया है। साथ ही यह भी लिखा है कि उस नाम पर झामुमो के वरिष्ठ विधायक व कांग्रेस सहमत नहीं हैं। राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि सांसद का इशारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की तरफ है। वहीं महागठबंधन का कहना है कि निशिकांत दुबे चर्चा में बने रहने के लिये इस तरह का ट्वीट करते हैं।
निशिकांत का निजी मत- सरयू राय
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि निशिकांत दुबे ने मान लिया है कि फैसला मुख्यमंत्री के खिलाफ आएगा। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग का सही फैसला होगा तो सीएम के खिलाफ नहीं होगा। पहले के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के आधार पर संदेह है कि फैसला सीएम के खिलाफ होगा। अगर फैसला उनके खिलाफ आया तो लोगों को लगता है कि शिबू सोरेन उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन उनके खिलाफ भी लोकपाल का मामला है। फिलहाल महागठबंधन ही सरकार चलाएगा। सरकार पर फर्क नहीं पड़ेगा। विरोधाभासी फैसलों का प्रभाव पड़ सकता है।
झामुमो के पास सारे विकल्प खुले – सुप्रियो भट्टाचार्या
झामुमो के केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा है कि सूबे में झामुमो की सरकार बनने के साथ निशिकांत दुबे के ट्वीट शुरू हो गए। राजनीति ट्वीट से नहीं, जन आकांक्षाओं से चलती है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक राजनीतिक वाचालता खुद का अस्तित्व खराब करती है। निशिकांत दुबे एक निजी विमान कंपनी के प्रमोटर बने हुए हैं। वह वही काम करें। पैसेंजर की गिनती करें। उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला अंतिम नहीं होता। फैसला अगर खिलाफ आया तो अपील में जाएंगे। किसी भी तरह के फैसले को अंतिम नहीं माना जाना चाहिए। यह न्याय की आरंभिक प्रकिया है। आगे जैसा फैसला आएगा उसके मुताबिक, कार्रवाई की जाएगी।
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘भाभीजी के नाम पर झामुमो के वरिष्ठ विधायक व कांग्रेस सहमत नहीं दिखाई दे रही है, कारण पंचायत चुनाव के नोटिफिकेशन के अनुसार भाभीजी आदिवासी सीट पर चुनाव लड़ने के काबिल नहीं हैं। बसंत भैया व सीता भाभीजी भी चिंतित।’
सत्ता की बेचैनी में देते हैं उटपटांग बयान कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा सत्ता की बेचैनी में भाजपा सांसद उटपटांग बयान दे रहे हैं। वे पहले से ही ऐसे बयान देते रहे हैं और सुर्खियों में बना रहना चाहते हैं। अब उनके ट्वीट को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। सत्ता की बेचैनी कई लोगों को अस्थिर कर देती है। पिछले दो साल से देखा जा सकता है कि वे सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं।
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