मध्यप्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बीच आज चुनाव से पहले बीजेपी ने मध्यप्रदेश में अपने 39 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. ये वो सीटें है जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. खैर ये तो हुई सीटों की बात. अब बात करते हैं, उन सिंधिया समर्थकों की जो चुनाव से पहले बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं. इसमें मुख्य वजह ये निकलकर सामने आ रही है कि बीजेपी इन्हें टिकट नहीं देगी. हालांकि कारण जो हो, सिंधिया सर्मथकों के इस तरह कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी की चिंता बढ़ रही है.
मालवा के नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र से आने वाले समंदर पटेल ने साल 2018 में निर्दलीय टिकट लड़ा था. हालांकि वो जीत नहीं सके थे. समंदर इस बार बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन जब उन्हें लगा कि टिकट उन्हें नहीं मिलेगा तो उन्होंने भाजपा छोड़, कांग्रेस का दामन थाम लिया. अब अगर कांग्रेस उन्हें जावद से अपना उम्मीदवार बनाती है, तो वह ओमप्रकाश सकलेचा को टक्कर दे सकते हैं. बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, तब समंदर पटेल भी उनके साथ ही सत्ताधारी पार्टी में आए थे.
गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से सिंधिया लगातार 4 बार सांसद रहे हैं. वहीं बैजनाथ यादव जनाधार वाले नेता है, जिनकी गुना-शिवपुरी में यादवों में अच्छी पकड़ है. वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे हैं. लेकिन बीते जून महीने में वो 400 वाहनों के काफिले के साथ भोपाल पहुंचे और कांग्रेस में शामिल हो गए. उनकी कांग्रेस में शामिल होने में अरुण यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
जयपाल सिंह सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. केंद्रीय मंत्री सिंधिया के खास माने जाने वाले जयपाल की यादव में अच्छी पेंठ है. लेकिन कुछ दिनों पहले वो कांग्रेस में फिर शामिल हो गए. चंदेरी विधानसभा क्षेत्र में यदुराज सिंह यादव की अच्छी पकड़ है. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनाव लड़ते थे, तो वह अशोकनगर में उनके लिए चुनाव कमान संभालते थे. लेकिन वो जयपाल सिंह के साथ कांग्रेस में हाल ही में शामिल हो गए.
शिवपुरी जिले के भाजपा जिला उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. वो सिंधिया को शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में मैनेजमेंट देते थे. वहीं रायसेन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गगन दीक्षित ने भी पार्टी छोड़ दी है. गगन सिंधिया फैंस क्लब के जिला अध्यक्ष रहे हैं. वहीं धाकड़ समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले रघुराज सिंह धाकड़ भी कांग्रेस में शामिल हो गए है. कोलारस से आने वाले रघुराज की धाकड़ समाज में अच्छी पकड़ है. वो 20 साल से राजनीति में सक्रिय है. ऐसे में धाकड़ कांग्रेस में शामिल होने से यहां बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.
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