जमशेदपुर संसदीय सीट पर झामुमो ने अभी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. हालांकि, कई सीटों पर झामुमो प्रत्याशी का ऐलान हो जाने से उम्मीद बढ़ गई है कि एक-दो दिन के अंदर जमशेदपुर संसदीय सीट पर भी झामुमो का उम्मीदवार आ जाएगा.
संगठन का कद्दावर हो या फिर बाहरी दमदार उम्मीदवार
झामुमो का शीर्ष नेतृत्व अभी भी पशोपेश में है कि उनका कौन सा जिताऊ उम्मीदवार मैदान में उतरे जो भाजपा के दो बार सांसद बन चुके विद्युत वरण महतो को मात दे सके. पार्टी इस बात को लेकर पशोपेश में है कि उसका जिताऊ उम्मीदवार संगठन का कद्दावर नेता हो या फिर किसी बाहरी दमदार उम्मीदवार पर दांव लगाया जाए. माना जा रहा है कि अगर पार्टी किसी बाहरी को उम्मीदवार बनाती है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि, पार्टी के पदाधिकारी पहले ही इस बात से नाराज़गी जता चुके हैं कि किसी बाहरी को टिकट न दिया जाए. पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि उम्मीदवार पार्टी के भीतर का ही होना चाहिए.
भाजपा के एक दिग्गज नेता को झामुमो में ला कर उन्हें टिकट देने की कवायद चल रही थी. लेकिन, जिले के विधायकों और संगठन के लोगों ने इसका पुरजोर विरोध कर दिया और मामला खटाई में पड़ गया. हालांकि, ये दिग्गज नेता लगातार हाथ पैर मार रहे हैं कि उन्हें पार्टी का टिकट मिल जाए. सूत्रों की मानें तो इन्हीं सब कारणों के चलते जमशेदपुर संसदीय सीट पर अभी तक उम्मीदवारी का ऐलान नहीं हो पाया है. इसके अलावा, जिला परिषद के एक पूर्व सदस्य भी टिकट के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं. लेकिन, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी ऐसे किसी बाहरी नेता को टिकट देती है तो पार्टी के कार्यकर्ता निष्क्रिय हो सकते हैं और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करना चुनावी जंग लड़ने से पहले ही हथियार डाल देने जैसा होगा. वैसे संगठन में कई लोगों की उम्मीदवारी पर चर्चा चल रही है. इसमें आस्तिक महतो के साथ ही सुनील महतो का भी नाम आ रहा है. माना जा रहा है कि सुनील महतो उम्मीदवारी में अन्य दावेदारों पर भारी पड़ सकते हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि सुनील महतो की पार्टी के कार्यकर्ताओं तक पहुंच उनके राजनीतिक कद को ऊंचा बनाती है. इसके अलावा, पूर्व सांसद सुमन महतो भी उम्मीदवारी की लाइन में हैं. ईचागढ़ की विधायक सविता महतो भी अपनी बेटी को टिकट दिलाने की कोशिश में लगी हैं.
किसी विधायक को लड़ाना चाहती है पार्टी
महीनाभर पहले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने को दिल्ली में कांग्रेस और झामुमो की संयुक्त बैठक हुई थी. कहा जा रहा है कि इस बैठक में तय हुआ था की लोकसभा चुनाव में अगर सीटें निकालनी हैं तो मंत्रियों और विधायकों को टिकट देना होगा. अभी इसी रणनीति पर अमल चल रहा है और कई विधायकों को टिकट थमा दिया गया है. सिंहभूम लोकसभा सीट से जोबा मांझी को मैदान में उतारा गया है. वह भाजपा की गीता कोड़ा का मुकाबला करेंगी. पार्टी जमशेदपुर संसदीय सीट पर भी किसी विधायक को लड़ाना चाहती है. पार्टी के सूत्रों की मानें तो इसके लिए संजीव सरदार से संपर्क साधा गया था. संजीव सरदार के लोकसभा का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिए जाने के बाद झामुमो को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है. समीर कुमार मोहंती भी हाथ खड़ा कर चुके हैं. इसी को लेकर पार्टी पशोपेश में है कि जमशेदपुर संसदीय सीट पर लड़ाने के लिए विधायक कहां से लाया जाए. कहा जा रहा है कि अगर यह सीट कांग्रेस के पाले में जाती तो स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता यहां से उम्मीदवार हो सकते थे. मगर , झामुमो इसी बात को लेकर दुविधा में है कि किसे चुनाव मैदान में उतारा जाए. पार्टी सूत्रों की मानें तो जमशेदपुर संसदीय सीट से कोई नया चेहरा अचानक सामने आ जाए जिसके बारे में अभी तक कहीं कोई चर्चा नहीं हुई हो.
महतो फैक्टर का भी है दबाव
झामुमो महतो फैक्टर को लेकर भी दबाव में है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मालूम है कि जमशेदपुर संसदीय सीट पर महतो वोट अकेले परिणाम बदलने की कूवत रखते हैं. इसीलिए, पार्टी लोहे से लोहा काटना चाहती है. यही वजह है कि अभी तक टिकट के दावेदारों के जो नाम आए हैं, उनमें ज्यादातर महतो बिरादरी के हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!