नई दिल्ली – मोदी सरकार के कार्यकाल में शादी-विवाह के संबंध यह दूसरा बड़ा सुधार है, जो समान रूप से सभी धर्मों के लिए लागू होगा। इससे पहले कैबिनेट ने एनआरआइ मैरिज को 30 दिन के भीतर पंजीकृत कराने का बड़ा कदम उठाया था…पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु में बदलाव के संकेत दिए थे और वाकई अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दी गई है। इससे लड़कियों के जीवन में कई बदलाव आएंगे। लेकिन, बड़ा सवाल है कि आखिर सरकार बेटियों के विवाह की न्यूनतम उम्र क्यों बदली? आइए जानते हैं…
उद्देश्य मातृ मृत्युदर में कमी लाना
लड़कियों की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव करने के लिए पीछे उद्देश्य मातृ मृत्युदर (Maternal mortality rate) में कमी लाना है। माना जा रहा है कि सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार (Marital rape) से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था। एक अधिकारी के मुताबिक, शादी के लिए लड़की और लड़के की न्यूनतम उम्र को एकसमान होना चाहिए।
अगर मां बनने की कानूनी उम्र 21 साल तय कर दी जाती है तो महिला की बच्चे पैदा करने की क्षमता वाले सालों की संख्या अपने आप घट जाएगी। नई दिल्ली (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। केंद्रीय कैबिनेट ने देश में एक बड़े सुधारों से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इसमें पहला बड़ा सुधार लड़कियों के विवाह की उम्र से जुड़ा है। कैबिनेट ने लड़कों और लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र एक समान यानी 21 वर्ष करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह कानून लागू हुआ तो सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी।
खबरों के मुताबिक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र पर विचार के लिए एक टास्क फोर्स बनी थी। जिसने अपनी रिपोर्ट बीते साल दिसंबर में नीति आयोग को सौंपी थी। इस टास्कफोर्स ने युवतियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का पूरा रोल आउट प्लान सौंपा था। जिसमें इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की गई।
भारत में बीते 5 साल में हुईं इतनी शादियां
भारत में बीते 5 सालों में 3 करोड़ 76 लाख लड़कियों की शादियां हुईं। इनमें से 2 करोड़ 55 लाख ग्रामीण क्षेत्र में और 1 करोड़ 21 लाख शहरी क्षेत्र में हुईं। इनमें से 1 करोड़ 37 लाख (1.06 करोड़ ग्रामीण और 31 लाख शहरी) लड़कियों ने 18-19 की उम्र में शादी की। वहीं 75 लाख लड़कियों (49 लाख ग्रामीण और 26 लाख शहरी) ने 20-21 की उम्र में शादी की। ग्रामीण महिलाओं की बात करें तो 5 सालों में 61% ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों ने 18-21 की उम्र के बीच शादी की।
News by Sanu Sarkar
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