
घोटालेबाज पूर्व मुख्यमंत्री
लौहांचल में अवैध खनन और भ्रष्टाचार का बुनियाद डाल कर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक घोटाला और माफिया राज का बादशाहत कायम करने वाले साढ़े चार हजार करोड़ का घोटालेबाज पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को अवैध खनन के मामले में झारखंड सरकार और जिला प्रशासन पर अंगुली उठाना शोभा नहीं देता है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही झारखंड में माफिया राज और अवैध खनन का सृजन हुआ था जिसमें श्री कोड़ा को 4 हजार करोड़ की अवैध संपति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जेल की हवा खिलाई थी और आज वह चुनाव लड़ने के योग्य भी नहीं है।
उक्त बातें झामुमो जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने श्री कोड़ा के द्वारा राज्य सरकार पर माफिया और अवैध खनन पर की गई टिप्पणी पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही हैं। श्री लागुरी ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके ही संरक्षण में अवैध खनन और भ्रष्टाचार के खेल की शुरूआत हुई थी। ऐसे में उनके मुंह से अवैध खनन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन छेड़ने की बात “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को चली” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है।
कोड़ा और उनके साथियों ने 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति हासिल कर ली थी !
पूर्व मुख्यमंत्री श्री कोड़ा 2006 से 2008 तक अपने मुख्यमंत्री काल में कोयला, अवैध खनन, खदानों समेत कई कथित घोटाले में जेल की यात्रा कर चुके हैं। श्री लागुरी ने कहा कि जनता को आज भी याद है कि 2008 में श्री कोड़ा ने राज्य की कई खदानें बाँटकर अकूत संपत्ति अर्जित की थी। इसके बाद 2009 में श्री कोड़ा समेत पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता और पुर्व मुख्य सचिव एके बसु की गिरफ्तारी हुई और इन तीनों को तीन तीन साल की सजा हुई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की 2013 की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कोड़ा और उनके साथियों ने 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति हासिल कर ली थी।
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अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके मधु कोड़ा
इतने सारे घोटालों के कारण जेल की यात्रा कर चुके श्री कोड़ा को अब राज्य सरकार पर ‘माफिया’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता। असल में पूरी तरह से अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके मधु कोड़ा सुर्खियां बटोर कर फिर से अपना राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए इस तरह का खेल खेलने का काम कर रहे हैं। रही बात नोवा मेटल्स कम्पनी नोवामुंडी एवं आसपास के क्षेत्रों में बंद पड़े आयरन ओर माइंस एवं क्रेशर कंपनी से अवैध रूप से आयरन और लोहा चुराने की जिला प्रशासन और सरकार के संज्ञान में है। इस पर जांच कर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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