
अवैध और ग्रामीणों के साथ अन्याय
चाईबासा/जगन्नाथपुर : भवन निर्माण कानूनों की आड़ में ग्रामीणों से जबरन वसूली के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम अधीक्षक से मिलकर इस मामले में कड़ा ऐतराज़ जताया और ज्ञापन सौंपा।
श्री कोड़ा ने बताया कि जगन्नाथपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में निजी आवासों के निर्माण पर स्थानीय प्रशासन द्वारा भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 व संबंधित नियमावली के तहत जबरन 1% से 2% निर्माण लागत या ₹17 प्रति वर्ग फीट की दर से वसूली की जा रही है। उन्होंने इसे पूरी तरह अवैध और ग्रामीणों के साथ अन्याय बताया।
ग्रामीणों पर दबाव
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिनियम की धारा 3(2) के अनुसार यह कानून केवल उन्हीं निर्माण कार्यों पर लागू होता है जो सरकारी परियोजनाओं के तहत आते हैं या जिनके लिए अनुमति अनिवार्य है। निजी ग्रामीण आवास पर इसे लागू करना कानून का उल्लंघन है। श्री कोड़ा ने यह भी बताया कि ठेका श्रमिक अधिनियम, 1970 के तहत जहां 20 या उससे अधिक मजदूर नियोजित हों, वहीं लेबर लाइसेंस जरूरी होता है। इसके बावजूद ग्रामीणों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे लाइसेंस लें, जो पूरी तरह अनुचित है।
भाजपा नेता ने साफ चेतावनी दी कि यदि यह अवैध वसूली तत्काल बंद नहीं की गई, तो पार्टी चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ एक गांव का नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी सिंहभूम के हजारों गरीब ग्रामीणों के साथ अन्याय का है और इसे लेकर भाजपा जन आंदोलन छेड़ेगी।
भाजपा की इस चेतावनी के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिक गई हैं। ग्रामीणों में भी इस मुद्दे को लेकर गहरा आक्रोश है।
चाईबासा से प्रकाश कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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