ज़ख्मों पर मरहम लगाने की कोशिशें कम ही होती हैं
राजनीतिक हल्कों में अक्सर हां कश्मीरी पंडितों के दर्द की बातें आती रहती हैं। पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर आमने-सामने होते हैं और एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं। सच तो यह है कि कश्मीरी पंडितों के ज़ख्मों पर मरहम लगाने की कोशिशें कम होती हैं। इस बीच मंगलवार को कांग्रेस की ओर से एक बयान आया है, जिसमें एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया गया है।
Exclusive Interview With Mandeep singh International Record Holder 🥇 In Tandem Pushups | Mashal News
‘इस्तेमाल करो, त्यागो और धोखा दो‘ की नीति
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की ‘इस्तेमाल करो, त्यागो और धोखा दो’ की नीति कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने ट्वीट किया, “कश्मीरी पंडित कर्मचारी जीवन के अधिकार और पुनर्वास की मांग को लेकर 245 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका महीनों का वेतन बकाया है, उनकी सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है।
अब ज़्यादातर कश्मीरी पंडित कर्मचारी काम पर लौट आए हैं
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में यह जानकारी दी कि पिछले साल आतंकवादियों द्वारा राहुल भट्ट की हत्या के बाद काम पर नहीं गए ज़्यादातर कश्मीरी पंडित कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी छोड़ दी और जम्मू में प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि जब तक यहां सुरक्षा स्थिति नहीं सुधरती, उन्हें कश्मीर से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए।
‘हरिभूमि’ से साभार
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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