शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई एक दिन पहले गुरुवार को हुई. जी-20 देशों के सदन के अध्यक्षों की बैठक दिल्ली में हो रही है. इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर मौजूद रहेंगे. इसलिए एक दिन पहले गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया. इसी के तहत आज की बैठक में तीन आवेदनों पर जोरदार बहस हुई. आज ढाई घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई हुई. दोनों पक्षों ने अध्यक्ष के सामने अपना पक्ष रखा. मामले में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. इन तीनों आवेदनों पर नतीजे आने की संभावना है. 20 अक्टूबर को ये तय हो जाएगा, सभी याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करनी है या एक साथ सुनवाई करनी है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट की दलील थी कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. हर याचिका के कारण अलग-अलग हैं. इसलिए हर याचिका पर अलग-अलग सुनवाई की गई. उनके वकील इस पद पर अड़े रहे. शिंदे गुट की ओर से सिर्फ उनके वकील मौजूद थे. शिंदे समूह के वकील द्वारा ठाकरे समूह के तर्क को बार-बार खारिज किया गया.
ठाकरे समूह ने सभी याचिकाओं को समेकित करने का प्रस्ताव दिया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की राय थी कि जब याचिकाओं में मुद्दे अलग-अलग हैं तो सभी याचिकाओं को एकसाथ करने की मांग पर फैसला कैसे दिया जा सकता है. आज की सुनवाई में ठाकरे समूह के सांसद अनिल देसाई, विधायक अनिल परब, विधायक अजय चौधरी और वकील मौजूद थे.
20 अक्टूबर को फिर होगी सुनवाई
शिंदे समूह के वकील अनिल साखरे ने कहा कि अगर पिछली याचिकाओं पर सुनवाई की जाए तो मामले का फैसला जल्द हो जाएगा. सभी 34 याचिकाओं पर एक एक कर या अलग-अलग सुनवाई हो इसपर चर्चा हुई. उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से डिमांड किया गया कि सभी दस्तावेज को रिकॉर्ड पर रखा जाए. उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से अलग से कुछ और दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा गया.
उन्होंने कहा कि ठाकरे समूह के तीन आवेदनों के कारण देरी हो रही है. सांसद अनिल देसाई ने आलोचना की कि शिंदे गुट समय ले रहा है. राहुल नार्वेकर जी-20 बैठक के लिए दिल्ली जा रहे हैं. इस याचिका की तीन अर्जियों पर 20 अक्टूबर को फैसला आने की संभावना है. इसलिए याचिका पर फैसला आने में अभी और वक्त लगेगा. इसी याचिका पर बहस होगी. विधायक अयोग्यता याचिकाओं पर 23 नवंबर तक बहस होगी.
शिंदे और ठाकरे गुट में हुई तीखी बहस
ठाकरे गुट के व्हिप विधायक सुनील प्रभु कहा, “हमारी शुरू से मांग है कि सभी याचिकाओं कोक्लब करके सुनवाई हो. जरूरी सभी सबूत और दस्तावेज दाखिल किए गए हैं. ऐसे में हर याचिका पर अलग-अलग सुनवाई से समय की बर्बादी होगी. इस मामले में महाराष्ट्र की जनता जल्द से जल्द फैसला सुनना चाहती है, लेकिन शिंदे अच्छा के वकील लगातार कह रहे हैं कि हर याचिका में सभी को अपनी भूमिका सामने रखनी है. ”
NCP प्रदेश अध्यक्ष (अजीत पवार ग्रुप) सुनील तटकरे ने कहा कि उद्धव के मन में उस समय में फिर से बीजेपी के मन में जाने की इच्छा हुई थी, लेकिन संजय राउत जिस तरीके से टिप्पणी कर रहे हैं, ये ठीक नही है, शरद पवार जब बीमार थे तब उद्धव ठाकरे उन्हें मिलने नही गए थे, जिसको लेकर संजय राउत काफी नाराज थे और उन्होने ये बात मुझे बताई थी.
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