जमशेदपुर से एक बड़ी बात स्ट्रोक के बीमारी को लेकर सामने आ रही है। स्ट्रोक को पक्षाघात या लकवा कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो मस्तिष्क के अग्रणी और भीतर की धमनियों को प्रभावित करती है। स्ट्रोक एक मस्तिष्क का दौरा है। स्ट्रोक के कई कारण होते हैं। उक्त रक्तचाप, मधुमेह, ध्रूमपान, उच्च कोलेस्ट्रॉल और शराब का सेवन स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजह है। सामान्यत: रक्तचाप 120/80 के नीचे होना चाहिए। मधेमुह को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम, वजन को कम करना और नियमित दवा जरूरी है।
55 साल की उम्र के बाद हर 10 साल में स्ट्रोक का जोखिम दोगुना हो जाता है
ध्रूमपान करने वालों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए ध्रूमपान कम कर इसके स्ट्रोक को खतरे को कम किया जा सकता है। यह कहना है शहर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएन सिंह का। उन्होंने बताया कि 55 साल की उम्र के बाद हर 10 साल में स्ट्रोक का जोखिम दोगुना हो जाता है। एक तिहाई स्ट्रोक के मरीज 55 साल की उम्र से कम के होते हैं। देश में प्रतिवर्ष लगभग 18 लाख लोगों को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है।
डॉ. सिंह ने बताया कि स्ट्रोक के बाद मरीज के लिए शुरुआती चार घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं। अगर इस दौरान मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है तो वह ठीक हो सकता है। देर होने से मरीजों के इलाज में कठिनाई होती है। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर तीन मिनट में एक व्यक्ति इस बीमारी का शिकार हो रहा है। चेहरे, बांह और पैर का सामान्यत: एक तरफ अचानक सुन्न या कमजोर होना। चलने में अचानक परेशानी, असंतुलित होना। एक या दोनों आंखों से देखने में और बोलने में अचानक परेशानी होनी।
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