मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने मंगलवार को कहा है कि उनका देश फिलिस्तीनियों को अपने देश में शरण लेने की अनुमति नहीं देगा. शनिवार को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से ही इजरायली सेना गाजा पट्टी पर लगातार बम बरसा रही है. अब इजरायल ने गाजा पट्टी में पर्ची गिराकर लोगों से शहर खाली करने की चेतावनी दी है.
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड ने मिस्र की सरकारी एजेंसी के हवाले से लिखा है कि मिस्र के राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा है कि गाजा में इजरायली सेना द्वारा की जा रही लगातार बमबारी से भागने वालों को मिस्र में शरण लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मिस्र के इस फैसले के साथ ही गाजा पट्टी खाली करने वालों के लिए एक मात्र बाहर निकलने का रास्ता भी बंद हो गया है.
मिस्र में फिलिस्तीनियों की एंट्री नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने कहा है, “मिस्र को उम्मीद है कि फिलिस्तीनी मुद्दे को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा. जिससे न्यायपूर्ण शांति और स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो सके. हालांकि, मिस्र किसी अन्य पक्षों की कीमत पर फिलिस्तीन मामले को सुलझाने की अनुमति नहीं देगा.”
इजरायल ने चेतावनी दी है कि नागरिकों को गाजा पट्टी छोड़ देनी चाहिए. शनिवार को हमास के हमले के बाद इजरायल और गाजा के बीच सभी बॉर्डर क्रॉसिंग बंद कर दिए गए हैं. गाजा और मिस्र के बीच राफा में चालू एकमात्र क्रॉसिंग पर भी इजरायली सेना ने मंगलवार रात को एयरस्ट्राइक कर नुकसान पहुंचाया है.
मिस्र की अपनी चिंता सर्वोपरि
अल-सिसी की यह टिप्पणी मिस्र की दशकों पुरानी उन चिंताओं को दर्शाती है कि इस बहाने इजरायल अपनी अरब आबादी को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में खदेड़ कर गाजा में जारी संघर्ष का समाधान करने की कोशिश कर सकता है. सिनाई प्रायद्वीप मिस्र में कम आबादी वाला क्षेत्र है जो लंबे समय से मिस्र के खिलाफ विद्रोह करता रहा है.
मिस्र की सरकारी मीडिया ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इजरायल गाजा पट्टी में बमबारी कर वहां के लोगों को सिनाई में बसाने की कोशिश कर रहा है. इसलिए इजरायल फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी खाली करने के लिए मजबूर कर रहा है. मिस्र ने गाजा में जारी युद्ध को अत्यधिक खतरनाक बताते हुए कहा है कि यह क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.
FM Shoukry receives a call from FM Kamikawa of Japan, to discuss the Israeli/ Palestinian escalation. FM Shoukry stresses the necessity to immediately stop the violent bombing against Gaza, and provide safe & urgent access to relief aid.@MofaJapan_en pic.twitter.com/hvQtypvOdv
— Egypt MFA Spokesperson (@MfaEgypt) October 12, 2023
इजरायल के साथ समझौता करने वाला मिस्र पहला देश
मिश्र इजरायल के साथ कई युद्ध लड़ चुका है. 1967 से 1982 के बीच हुए युद्ध में इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था और वहां 18 इजरायली बस्तियां बसा दी थीं. लेकिन 1979 में इजरायल और मिस्र ने शांति समझौता कर लिया. इस तरह मिस्र इजरायल के साथ शांति समझौता करने वाला पहला अरब देश बन गया और दशकों से चला आ रहा संघर्ष समाप्त हो गया.
1979 समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच कभी-कभी नोंक-झोंक होती रही हैं, लेकिन ज्यादातर दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्ते रहे हैं. खासकर गाजा पट्टी को लेकर दोनों देशों के बीच बेहतर सुरक्षा और खुफिया सहयोग है. 1948 से 1967 तक मिस्र ने भी गाजा पट्टी पर शासन किया था. लेकिन लंबे समय से मिस्र और इजरायल इसे अपनी सुरक्षा खतरे के दृष्टिकोण से भी देखता है.
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