एक – यूक्रेन ने 2014 में जब अपने रूस समर्थक राष्ट्रपति को उनके पद से हटा दिया तो इस बात से नाराज़ कर रूस ने दक्षिणी यूक्रेन के क्राइमिया प्रायद्वीप को अपने क़ब्ज़े में ले लिया.साथ ही, वहां के अलगाववादियों को अपना समर्थन दिया, जिन्होंने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया. तब से रूस समर्थक विद्रोहियों और यूक्रेन की सेना के बीच चल रही लड़ाई में 14 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
दो -रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पश्चिमी ताक़तों का आक्रामक व्यवहार ऐसा ही बना रहा तो “उपयुक्त जवाबी क़दम” उठाए जाएंगे.नेटो महासचिव ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को लेकर संघर्ष का ख़तरा वास्तविक है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन भी मानते हैं कि रूस आगे बढ़ सकता है. अलगाववादियों और यूक्रेन की सेना के बीच संघर्ष बीते कई सालों से जारी है. हालांकि फ़िलहाल दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम चल रहा है.
नेटो देशों पर रूस का आरोप है कि वे यूक्रेन को लगातार हथियारों की आपूर्ति कर रहे
तीन –रूस ने नेटो से अपने रिश्ते को नया रूप देने के लिए अपना पक्ष रखा है. रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा, “हमारे लिए यह तय करना बहुत ज़रूरी है कि यूक्रेन कभी भी नेटो का सदस्य न बने.”नेटो देशों पर रूस का आरोप है कि वे यूक्रेन को लगातार हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं और अमेरिका दोनों देशों के बीच के तनाव को भड़का रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि “रूस अब पीछे नहीं हटने जा रहा.
चार – रूस ने 2014 में क्राइमिया पर यह कहते हुए क़ब्ज़ा कर लिया कि उस प्रायद्वीप पर उसका ऐतिहासिक दावा रहा है. यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा रह चुका है.पिछले साल एक लंबे आलेख में उन्होंने रूसी और यूक्रेनी लोगों को ‘समान राष्ट्रीयता वाले’ बताया था. जानकारों का मानना है कि इस बात से पुतिन की सोच का पता चलता है. उस आलेख में पुतिन ने यह भी कहा कि यूक्रेन के मौजूदा नेता ‘रूस विरोधी प्रोजेक्ट’ चला रहे हैं.रूस पूर्वी यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के लिए 2015 में हुए मिंस्क शांति समझौते के पूरा न होने से भी नाराज़ है.
अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने कहा, “हम नेटो की ‘ओपेन डोर पॉलिसी’ पर किसी को धक्का पहुंचाने नहीं देंगे.
पांच – रूस का एकमात्र लक्ष्य नेटो को अपने पड़ोस से हटने को बाध्य करना है, तो लगता नहीं कि वो इसमें सफल हो पाएगा. नेटो ने भविष्य में अपने हाथ बांधने की किसी कोशिश को ख़ारिज़ कर दिया है.अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने कहा, “हम नेटो की ‘ओपेन डोर पॉलिसी’ पर किसी को धक्का पहुंचाने नहीं देंगे.”उधर यूक्रेन नेटो में शामिल होने की स्पष्ट समयसीमा चाह रहा है और नेटो भी कह चुका है कि रूस को “इस प्रक्रिया में दखल देने का कोई वीटो या हक़ नहीं है.”
छह -अमेरिका ने कहा है कि वो यूक्रेन की ‘संप्रभुता’ को सुरक्षित करने में उसकी मदद के लिए प्रतिबद्ध है. वो हथियारों के रूप में यूक्रेन की सैन्य मदद भी कर रहा है.तनाव को कम करने के लिए पश्चिमी देशों के मुख्य हथियार ‘प्रतिबंध’ और हथियारों और सलाहकारों के रूप में ‘सैन्य मदद’ हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने रूस को चेतावनी दी है कि रूस ने यदि यूक्रेन पर हमला किया तो उस पर ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिनके बारे में कभी देखा-सुना न गया हो.
यूक्रेन के राष्ट्रपति चाहते हैं कि इस संकट का समाधान तलाशने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया जाए.
सात -यूरोपीय नेता ज़ोर देकर कह रहे हैं कि रूस अपने भविष्य को केवल अमेरिका के साथ मिलकर तय नहीं कर सकता. फ्रांस का प्रस्ताव है कि यूरोपीय शक्तियों को नेटो के साथ मिलकर चलना चाहिए और तब रूस के साथ बात होनी चाहिए.यूक्रेन के राष्ट्रपति चाहते हैं कि इस संकट का समाधान तलाशने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया जाए, जिसमें रूस के साथ फ्रांस और जर्मनी भी शामिल हों.इन चारों देशों के नेता नियमित तौर पर मुलाक़ातें करते रहे हैं, जिसे नॉरमैंडी क्वाट्रेट या’नॉरमैंडी चौकड़ी’ कहा जाता है. लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मांग है कि यूक्रेन पर कोई भी समझौता तभी होगा, जब नेटो से संबंधित उनकी मांगें मानी जाएंगी.
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