रूसी हमले से यूक्रेन के आसमान की हिफाजत पिछले कुछ वक्त से काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है.यूक्रेनी वायुसेना के एक दूसरे अफसर ने कहा कि यह कुछ ऐसा ही जैसे आप ऐसी बड़ी मक्खीमार का इस्तेमाल कर रहे हों, जिसमें बड़े-बड़े छेद हों.खास कर वैसे हालात में जब जंग के शुरुआती दिनों में ही यूक्रेनी वायुसेना के कई अड्डे पूरी तरह या आंशिक तौर पर ध्वस्त हो गए थे.
यूक्रेनी सेना ने माना है कि जंग के शुरुआती दिनों में उसे खासा नुकसान हुआ है. सार्वजनिक तौर पर यूक्रेन का ऐसा स्वीकार करना दुर्लभ है,लेकिन इसके बावजूद यूक्रेनी वायुसेना के अड्डे अब भी काफी अच्छा काम कर रहे हैं.ओरिक्स युद्ध में हुए नुकसान को ट्रैक करने के लिए विजुअल माध्यम का सहारा लेते हैं.उनका कहना है कि यूक्रेन ने 82 रूसी विमानों को नष्ट कर दिया है उन्हें नुकसान पहुंचाया है या फिर उन्हें कब्जे में ले लिया है. इनमें लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल हैं.यूक्रेन के भी 33 विमान ध्वस्त हुए हैं.
यूक्रेन को पता है कि रूस को आसमान में बढ़त हासिल है.यही वजह है कि वह पश्चिमी देशों से यूक्रेन के आसमान को बंद करने की अपील करता रहा है.
हालांकि पश्चिमी देशों के अधिकारियों का कहना है कि रूस को अभी भी आसमान में अपने वर्चस्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.दूसरी ओर, यूक्रेनी वायुसेना अपने पुराने मिग-29 लड़ाकू विमानों से रूसी सेना को टक्कर देने के लिए कड़ा संघर्ष कर रही है. वह हर दिन लगभग दस मिलिट्री मिशन पूरे कर रही है.यूक्रेन को पता है कि रूस को आसमान में बढ़त हासिल है.यही वजह है कि वह पश्चिमी देशों से यूक्रेन के आसमान को बंद करने की अपील करता रहा है. यूक्रेन कई बार अपने यहां नो फ्लाई जोन बनाने की मांग कर चुका है.
अगर यूक्रेन इस इलाके में लड़ाई जीतना चाहता है उसे लंबी, मध्यम और छोटी तीनों दूरियों की मिसाइलों की जरूरत होगी. इस रणनीति को ‘लेयर्ड डिफेंस’ कहा जाता है.पश्चिमी देश इस वक्त यूक्रेन को छोटी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दे रहे हैं. सिर्फ अमेरिका ने ही उसे 2000 स्टिंगर दिए हैं.
रूस ज्यादातर लंबी रेंज की क्रूज मिसाइलें इस्तेमाल कर रहा है.
ब्रिटेन ने भी उसे काफी स्टारस्ट्रीक हाई वेलोसिटी मिसाइलें दी हैं.लेकिन कैप्टन करवाचुक का कहना है कि उनका देश कंधों से दागी जाने वाली मिसाइलों का आभारी है. इन्हें मैनपैड कहा जाता है. अग्रिम मोर्चे पर यही मिसाइलें प्रभावी रही हैं.मैनपैड नीचे उड़ान भरने वाले रूसी विमानों के खिलाफ काफी कारगर साबित हुए हैं. रूस ज्यादातर लंबी रेंज की क्रूज मिसाइलें इस्तेमाल कर रहा है.
यूक्रेन अभी जिन हथियारों की मांग कर रहा है, उनमें लंबी और मिड रेंज की मिसाइलें की सूची सबसे ऊपर है.
यूक्रेन अपने एयर डिफेंस का इस्तेमाल सिर्फ रूसी विमानों को निशाना बनाने के लिए ही नहीं कर रहा है बल्कि वह उसके क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को भी निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है. यूक्रेनी सेना को कुछ सफलता मिली है लेकिन वे हर चीज को ध्वस्त नहीं कर सकते.
लेकिन कड़वा सच तो यही है कि बगैर अहम मदद के यूक्रेन के लिए लंबे समय तक रूस के हवाई और मिसाइल हमलों का सामना करना मुश्किल होगा.पश्चिमी देशों के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बीबीसी से कहा कि यूक्रेन अभी जिन हथियारों की मांग कर रहा है, उनमें लंबी और मिड रेंज की मिसाइलें की सूची सबसे ऊपर है. यूक्रेन एयर डिफेंस के लिए हथियारों पर काफी जोर दे रहा है. पिछले युद्धों को देखें तो यह साफ है कि आसमान में जिसका वर्चस्व होगा वही युद्ध जीतेगा.
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