नई दिल्ली क्षेत्र का सौंदर्य बढ़ाने और इससे यहां खुशनुमा और सकारात्मक वातावरण बनाए रखने के उद्देश्य से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने बाराखंभा रोड के कंक्रीट सेंट्रल वर्ज पर लगभग आधा किलोमीटर क्षेत्र में पूर्वनिर्मित प्लांटर में पेटुनिया फूलों की क्यारियां विकसित की हैं.
दरअसल, पेटुनिया फूल खिले रहने की अवधि मई अंत तक है और विशेष रूप से इस फूल को लगाने का कारण यह है कि इसमें विभिन्न प्रकार के रंग होते हैं, जिनकी जीवन अवधि अन्य की तुलना में लंबी होती है. पेटुनिया फूल कम पत्तेदार और ज्यादा फूलदार होते हैं.
मंगाए गए है 60 हजार से अधिक पौधे
एनडीएमसी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में अपने क्षेत्र को खूबसूरत बनाने में जुटा हुआ है. इससे पहले हॉलैंड से फूलों के 60 हजार से अधिक पौधे मंगाए गए थे और दिल्ली के कुछ मुख्य जगहों पर उन्हें रोपा गया था. एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया, “बाराखंभा रोड कार्यालयों के भवनों से घिरा हुआ है, जो भीड़भाड़ और हलचल से भरे हुए हैं.
एकरूपता और सुंदर रूप प्रदान करती है
यही कारण है कि एनडीएमसी बिना किसी खुदाई के सड़कों के बीच कंक्रीट की सतह में प्लांटर्स विकसित करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करके परिषद ने पहल की है. यह पहल न केवल इस क्षेत्र में एकरूपता और सुंदर रूप प्रदान करती है, बल्कि यह स्थिति यहां सुखद वातावरण, खुशी और आनंद का क्षेत्र भी देती है, जिसमें समान ऊंचाई वाले फूलों के समान स्तर के फूलों के साथ आधे किलोमीटर के फैले रास्ते में फैले फूलों के बिछे कालीन की तरह दिखता है.” दिल्ली बाराखंभा रोड का पूरा रास्ता एक ठोस कंक्रीट के आधार पर है. एनडीएमसी पूरे वर्ष के लिए इस फ्लावर एवेन्यू को विकसित करने और बनाए रखने की योजना बना रहा है.
एनडीएमसी के बागवानी विभाग द्वारा प्री-फैब्रिकेशन को छोड़कर पूरा काम बहुत ही मामूली लागत के साथ पूरा किया गया है. प्री-फेब्रिकेशन फूलदान को बनाना और फिर अलग करना बहुत आसन है, जिसे उनके उपयोग के अनुसार किसी भी समय कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है.
पालिका परिषद के बागवानी विभाग के निदेशक एस चेल्लैया ने परियोजना का तकनीकी ब्यौरा देते हुए कहा कि इन बागानों की क्यारियों में मिट्टी की गहराई 6 से 8 इंच और चौड़ाई लगभग 2 मीटर है और इसमें दो परत पहली परत भू-वस्त्र और दूसरी परत हरे रंग की बनावट है, जिसमें मिट्टी को बाहर नहीं जाने देने की गुणवत्ता होती है.
इसमें हमारे विभाग की ही श्रम और निर्माण लागत अतिरिक्त शामिल है, जिसे हमने कम समय में पूरा किया. उन्होंने कहा कि हमने अपने मालियों को कम ट्रैफिक होने की समय अवधि के दौरान ही छिड़काव के माध्यम से पानी देने के लिए प्रशिक्षित किया.
इससे पहले नहीं की गई है पहल
एस चेल्लैया ने आगे कहा, पेटुनिया फूल के बाद एनडीएमसी एक पैटर्न तरीके से सफेद और बैंगनी रंग में एक सदाबहार देसी किस्म लगाने की योजना बना रही है. सदाबहार में कम पानी में जीवित रहने की गुणवत्ता है, जिसे हम जून से लगाने की योजना बना रहे हैं और जो वह नवंबर तक जीवित रहेगा.
बागवानी विभाग के टीम वर्क की सराहना करते हुए उपाध्याय ने कहा कि यह पहली बार है जब एनडीएमसी ने इस तरह का प्रयोग शुरू किया है, जिसमें बागवानी विभाग के प्रयासों से हमें सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि एनडीएमसी अन्य नगर निकायों के लिए एक आदर्श है, क्योंकि इससे पहले किसी ने भी इस तरह की अनूठी पहल नहीं की थी.
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