जमशेदपुर : राज्य में संबंधित व्यापक भ्रष्टाचार के संबंध में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा झारखंड राज्य से संबंधित व्यापक भ्रष्टाचार के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने के बजाय मजमा लगाकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया जा रहा है। संवैधानिक व्यवस्था एवं कानून के शासन के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति बड़ा या छोटा नहीं होता और संवैधानिक पदों पर बैठे हुए नागरिकों की जिम्मेदारी और भी अहम होती है क्योंकि उनके द्वारा किया गया कृत्य आम नागरिक भी देखते हैं एवं पालन करते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि किसी भी जांच प्रक्रिया का मतलब जांच की विषय वस्तु से संबंधित तथ्यों की सत्यता का पता लगाना और संबंधित व्यक्ति की संलिप्तता के संबंध में ठोस साक्ष्य इकट्ठा करना होता है।
Also read : अरका जैन विश्वविद्यालय की नर्सिंग विभाग की तरफ से सीपीआर से सम्बंधित एक जागरूकता अभियान चलाया गया
यदि संबंधित तथ्यों, घटनाओं तथा लोगों से उनकी कोई संलिप्तता नहीं है तो जांच एजेंसी के समक्ष यह स्पष्ट हो सके
यदि हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सम्मन भेजा गया है तो भारतीय विधान के मुताबिक एक भारतीय नागरिक के रूप में और संवैधानिक पद पर होते हुए एक जिम्मेदार लोक सेवक के रूप में उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह जांच एजेंसी द्वारा किए जा रहे अनुसंधान में पूर्ण सहयोग करें ताकि यदि संबंधित तथ्यों, घटनाओं तथा लोगों से उनकी कोई संलिप्तता नहीं है तो जांच एजेंसी के समक्ष यह स्पष्ट हो सके। उन्हें हिंसा की ओर भड़काने की साजिश की जा रही है और राज्य में संवैधानिक संकट पैदा करने की कोशिश की जा रही है। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में लगाया है। नागरिकों की जिम्मेदारी और भी अहम होती है क्योंकि उनके द्वारा किया गया कृत्य आम नागरिक भी देखते हैं.
Also read : बीए कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग एक वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया था
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!