पढ़ाई सबसे ज्यादा जरुरी है जिससे हमारा देश और आगे बढ़ सकता है. इसीलिए देश में शिक्षा की व्यवस्था का सही होना बहुत जरुरी है. अगर शिक्षा बेहतर नहीं होगी तो हमारे देश के भविष्य बच्चे कैसे आगे बढ़ेंगे ? इस साल देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के इन 75 साल में देश के पास सेलिब्रेट करने के तमाम चीजें हैं। इनमें से ही एक है बेहतर होता शिक्षा का हाल। इसमें भी 2020-21 में देश में शिक्षा की हालत को बेहतर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
हर दशक में बढ़ती गई स्कूलों की संख्यासूचना मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक हर दशक में स्कूल निर्माण की गति बढ़ती गई। हर दशक में स्कूल बनने के आंकड़ों पर बात करें तो 1947-48 में 140794 स्कूल, 1950-51 में 230700 स्कूल, 1960-61 में 397400, 1970-71 में 532500, 1980-81 में 664700, 1990-91 में 792200 और 2000-01 में 971100 स्कूल बने थे।
2020-21 में 15 लाख स्कूलों का निर्माण कराया गया
वहीं 2010-11 में 1399300 और 2020-21 में 1509136 स्कूलों का निर्माण किया गया है। जहां 1947-48 में केवल 1.4 लाख स्कूलों का निर्माण हुआ था। वहीं 2020-21 में 15 लाख स्कूलों का निर्माण कराया गया। इससे बड़ी संख्या में बच्चों का स्कूल जाने और शिक्षा हासिल करने का सपना पूरा हो रहा है। बड़ी संख्या में स्कूलों निर्माणसाल 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के आने के बाद से शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
बड़ी संख्या में स्कूलों का निर्माण इसमें सबसे अहम है। भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश में साल-दर-साल स्कूलों के निर्माण की रिपोर्ट जारी की है। इसमें देश की आजादी के साल से लेकर 2020-21 तक देश में बनने वाले स्कूलों की संख्या के बारे में जानकारी दी गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बने इन स्कूलों के जरिए बड़ी आबादी अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने का सपना पूरा कर पा रही है.
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