महाजनसंपर्क अभियान के बहाने भाजपा ने झारखंड में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने में पूरी ताकत लगा दी। महीने भर भाजपाइयों ने खूब पसीना बहाया। 2024 अभी दूर है, वैसे झारखंड में एनडीए की अग्निपरीक्षा बहुत जल्दी होने वाली है। डुमरी विधानसभा उपचुनाव एनडीए के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
वैसे झामुमो के लिए भी यह उपचुनाव प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। पिछले चार बार से लगातार डुमरी से जीत दर्ज करने वाले जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बना झामुमो ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि झामुमो का उम्मीदवार बेबी या जगरनाथ महतो के परिवार से ही कोई होगा। अब निर्णय एनडीए को लेना है।
स्पष्ट नहीं है कि डुमरी से भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी या सहयोगी आजसू का प्रत्याशी होगा
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डुमरी से भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी या सहयोगी आजसू का प्रत्याशी होगा। झारखंड में विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का रिकॉर्ड ठीक नहीं रहा है। विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल में लगभग पांच उपचुनाव हुए जिसमें रामगढ़ को छोड़ सब जगह एनडीए को पराजय का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खाली राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उपराजधानी दुमका की सीट पर भी भाजपा हार गई। मधुपुर, बेरमो, मांडर आदि में भी भाजपा पराजित हुई। डुमरी उपचुनाव का परिणाम एनडीए के पक्ष में गया तो निश्चित रूप से माहौल 2024 के लिए एनडीए के पक्ष में होगा।
यदि झामुमो के पक्ष में परिणाम जाता है तो झारखंड में एनडीए (भाजपा) पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ना स्वाभाविक है। बहरहाल इंतजार चुनाव तिथि की घोषणा का है। डुमरी विधानसभा क्षेत्र झारखंड के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से है। इस क्षेत्र में चुनाव में सामाजिक समीकरण को देखें तो महतो जाति का प्रभुत्व पिछले दस चुनाव में देखने को मिला है। दल कोई भी हो महतो जाति का ही विधायक बनता है।
डुमरी विधानसभा सीट में डुमरी प्रखंड के साथ नावाडीह प्रखंड को 1977 में मिलाया गया। तब से यह सीट महतो बाहुल्य हो गया। 1977 से 2019 तक दस चुनाव हुए। इनमें लालचंद महतो तीन बार, शिवा महतो तीन बार और चार बार जगरनाथ महतो जीते। दल के आधार पर देखें तो शिवा महतो और जगरनाथ महतो झामुमो के सिंबल पर जीते। वहीं गैर झामुमो प्रत्याशी लालचंद महतो भी डुमरी से तीन बार विधायक बने। लालचंद महतो पहली बार जनता पार्टी, दूसरी बार जनता दल और तीसरी बार जदयू के सिंबल पर जीते।
पिछले दस चुनावों से डुमरी का विधायक महतो जाति से
1977 : लालचंद महतो (जनता पार्टी)
1980 : शिवा महतो (झामुमो)
1985 : शिवा महतो (झामुमो)
1990 : लालचंद महतो (जनता दल)
1995 : शिवा महतो (झामुमो)
2000 : लालचंद महतो (जदयू)
2005 : जगरनाथ महतो (झामुमो)
2009 : जगरनाथ महतो (झामुमो)
2014 : जगरनाथ महतो (झामुमो)
2019 : जगरनाथ महतो(झामुमो)
डुमरी में रिकॉर्ड झामुमो के पक्ष में
डुमरी में रिकॉर्ड झामुमो के पक्ष में है। वैसे यह भी महत्वपूर्ण है कि गैर झामुमो प्रत्याशी को भी डुमरी में सफलता मिली है। स्थानीय राजनीति को समझने वालों की मानें तो डुमरी में महतो, मुस्लिम और आदिवासी झामुमो के मजबूत वोट बैंक हैं। जगरनाथ महतो के निधन से सहानुभूति की भी उम्मीद झामुमो को है। वैसे भाजपा और आजसू यदि मिलकर मजबूती से सामाजिक समीकरण को साधते हुए लड़ते हैं तो परिणाम पक्ष में हो सकता है। गिरिडीह के आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी महतो जाति से ही हैं। इसलिए एनडीए की पकड़ भी महतो जाति में है।
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