कोविड 19 की तीन लहर बीतने के बाद एक बार फिर देश में चौथी लहर का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते संक्रमण के डर से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम भी चढ़ने लगे है।
कई नई और पुरानी पॉलिसियों के प्रीमियम में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा देखा जा रहा है जिसके पॉलिसी रिन्यूअल की अवधि नजदीक आने वाली है. वहीं, कई गैर जीवन बीमा कंपनियां पहले ही स्वास्थ्य पॉलिसियों पर प्रीमियम बढ़ा चुकी हैं।
जानकारों का कहना है कि कोविड 19 की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान बीमा कंपनियों को कई भारी भरकम दावे निपटाने पड़े हैं। इसके अलावा पहले की तुलना में स्वास्थ्य सुविधाएं भी महंगी हुई हैं। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बीमा कंपनियां अपने प्रीमियम में इजाफा कर रही है, जबकि कई पॉलिसियां उस चरण में पहुंच चुकी हैं जहां प्रीमियम बढ़ाना बहुत जरूरी हो गया था।
सामान्य बीमा परिषद के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022 तक बीमा कंपनियों ने कोविड संबंधित स्वास्थ्य बीमा दावों के मद में 25 हजार करोड़ की रकम का भुगतान किया है। वित्त वर्ष 2021 की तुलना में यह रकम तीन गुना ज्यादा है। दरअसल, बीमा कंपनियां तब प्रीमियम बढ़ाती हैं, जब उनकी स्वास्थ्य पॉलिसियों पर नुकसान का अनुपात अधिकतम सीमा पार कर जाता है। कोविड महामारी की वजह से कई बीमा कंपनियों का हानि अनुपात अधिक हो गया था।
कंपनियों ने कुछ पॉलिसियों पर बढ़ाए प्रीमियम
बीमा कंपनियों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा कंपनियां हर तीन वर्ष बाद पॉलिसियां महंगी कर सकती हैं मगर इससे पहले नियामक की अनुमति अनिवार्य है। पिछले दो वर्षों से अधिकांश बीमा कंपनियों ने स्वास्थ्य सेवाएं महंगी होने के बावजूद प्रीमियम नहीं बढ़ाया था।
अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाएं महंगी करने के लिए किसी नियामक की मंजूरी नहीं लेनी पड़ती है। कई अस्पतालों ने कोविड के दौरान इलाज महंगा कर दिया था, जिससे बीमा कंपनियों के पास भारी भरकम दावे आने लगे। हालात जब बिगड़ने लगे तो आईआरडीए को बीमा दावों के लिए एक मानक तय करना पड़ा।
विशेषज्ञों का आगे यह भी कहना है कि कोविड महामारी की वजह से बीमा कंपनियों को बहुत नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की कई कंपनियां अस्पताल में भर्ती होने पर आए खर्च के दावों की समीक्षा कर रही हैं और अपने प्रीमियम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। इधर केयर हेल्थ इंश्योरेंस अपनी कुछ पॉलिसियों पर प्रीमियम 8 से 10 प्रतिशत बढ़ाने पर विचार कर रही हैं।
वहीं मनिपाल सिग्ना भी प्रीमियम में 10-15 प्रतिशत तक इजाफा करने के बारे में सोच रही है। बीमा कंपनी एचडीएफसी अर्गो ने भी प्रीमियम बढ़ा दिया है, जबकि नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस को भी प्रीमियम बढ़ाने की मंजूरी बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण से मिल गई है। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस भी कुछ पॉलिसियां महंगा करने पर विचार कर रही है।
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