भारतीय संस्कृति में पेड़ों को खास जगह दी गई है. भारत में इन पेड़ों को पूजा जाता है, इनकी रक्षा की जाती है और इन्हें प्रकृति का वरदान समझा जाता है. इंसानों की ही तरह इन पेड़ों की उम्र भी निश्चित होती है. इसीलिए अगर कोई उन्हें ना काटे तो कुछ सालों में अपनी उम्र पूरी होने के बाद पेड़ भी मर जाते हैं. लेकिन ऐसे बहुत से पेड़ हैं जो हजारों सालों से जिंदा हैं और आज भी फल-फूल रहे हैं.
- कोलकाता का बरगद का पेड़: यह पेड़ करीब 250 साल पुराना है. कोलकाता के जेसी बोस इंडियन बोटैनिकल गार्डन में स्थित इस पेड़ का मूल तना तो अब नहीं रहा लेकिन इससे निकली जड़ों का जंगल आज जिंदा है और बढ़ भी रहा है. 3.5 एकड़ में फैला यह भारत का सबसे अधिक घेराव वाला पेड़ है.
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इलाहबाद का अक्षय वट: इलाहाबाद के पातालपुरी मंदिर के पास स्थित बरगद का यह पेड़ भी बहुत प्राचीन माना जाता है. कहा जाता है कि राम भी इसके दर्शन करने आते थे. इस हिसाब से इसकी उम्र करीब 7000 साल के आस-पास है. यह बरगद का पेड़ संगम किनारे स्थित मंदिर के पास है.
- शुक्रताल अक्षय वृक्ष: यह पेड़ 5000 साल पुराना माना जाता है. दिल्ली और हरिद्वार के बीच मुजफ्फरनगर के पास स्थित शुक्रताल को शुक्रतीर्थ भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यहां 5100 साल पहले शुक्रदेव का आश्रम बनाया गया था. उसी दौरान यह बरगद पेड़ भी लगाया गया था जो आजतक जीवित है.
- महाबोधि वृक्ष, गया: करीब 2800 साल पुराना यह ऐतिहासिक वृक्ष धार्मिक वजहों से भी बहुत मशहूर है. कहा जाता है कि बिहार के गया में स्थित इसी पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ने इसे सुरक्षित घोषित किया है.
- वट वृक्ष, कुरुक्षेत्र: देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के हिसाब से कुरुक्षेत्र में मौजूद अक्षय वट वृक्ष करीब 5000 साल पुराना है और यह महाभारत के समय से बहुत मशहूर रहा है. कहा जाता है कि इसी पेड़ के पास श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवतगीता का ज्ञान दिया था.
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