कहा जाता है कि दुनिया की सबसे भारी चीज सबसे छोटे ताबूत होते हैं’ ये कहावत रूस-यूक्रेन जंग में सच होती दिखाई दे रही है। उस मां की हालत के बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है, जिसका 6 साल का बेटा मरने से ठीक पहले कहता है कि ‘मैं मरना नहीं चाहता’ और अगले पल ही वह दुनिया को अलविदा कह देता है.
तुम्हें कुछ नहीं होगा, लेकिन उसने मेरी गोद में ही दम तोड़ा
यह दर्दनाक कहानी यूक्रेन की राजधानी कीव में रहने वाली एना और उसके बेटे की है। रूस हमले में जब कीव को निशाना बनाया गया तब एना ने अपनी 13 साल की बेटी अलीना और 6 साल के बेटे मैक्सिम के साथ शहर छोड़ने का निर्णय किया। उसके दोनों बच्चे काफी डरे हुए थे। वे लोग जब घर छोड़ने की तैयारी कर रहे थे, तब 6 साल के मैक्सिम ने अपनी मां से कहा कि-‘मां, मैं मरना नहीं चाहता। मैं बहुत छोटा हूं।’ बेटे के मुंह से ऐसी बात सुनकर किसी भी मां का कलेजा भर आए।
हमने जैसे ही दो यूक्रेनियन मिलिट्री चेकपोस्ट पार किये, गाड़ी आगे बढ़ी गोलीबारी शुरू हो गई। एलेक्जेंडर गाड़ी चला रहा था। फायरिंग में उसकी मौत हो गई थी। उसकी पत्नी नताल्या को 10 गोलियां लगीं। मुझे एक कान के पास और एक सिर में गोली लगी। अलीना के दाहिने हाथ और बाएं घुटने में गोली लगी। जब मैंने मैक्सिम को कार से निकाला वो मर चुका था। मैं चिल्लाते-चिल्लाते बेहोश हो गई। उसे पीछे से लगभग सात गोली लगी थीं।
मैंने मैक्सिम को आखिरी बार मुर्दाघर में देखा था
वहां पर मौजूद लोगों में से किसी ने एम्बुलेंस को फोन किया। मैंने कुछ दिनों तक किसी से बात नहीं की। यहाँ तक की अपनी बेटी अलीना से भी नहीं। वो घायल थी पर फिर भी मैंने बेटी को खुद से दूर धकेल दिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि वो मुझे कोई भी दिलासा दे। मैं अपने बेटे के लिए चिल्ला रही थी। मैंने आखिरी बार अपने बेटे की लाश मुर्दाघर में देखी थी उसके बाद कई दिनों तक मुझे उसकी लाश देखने को भी नही मिली। जब मैक्सिम को दफनाया गया, तब मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था। मुझे सर्जरी के लिए कीव के अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया।
वो भले ही 6 साल का था, लेकिन अपनी उम्र से कहीं ज्यादा मैच्योर था
एना 31 साल की हैं। पहली शादी से उसे बेटी अलीना हुई और दूसरे रिलेशनशिप से बेटा मैक्सिम हुआ। पैसों की तंगी की वजह से वो अपने दोनों बच्चों के साथ कीव एक बेहद छोटे फ्लैट में रहती थीं। घर चलाने के लिए वो दो अलग-अलग जगहों पर सफाई का काम करती थीं। बेटे को याद करते हुए एना कहती हैं- ‘वह सिर्फ छह साल का था, लेकिन एक समझदार इंसान जैसा व्यवहार करता। जब भी पॉसिबल होता वो मेरी मदद कोशिश करता। उसने बर्तन धोए, कमरे की सफाई की, बिना मेरी मदद अपना होमवर्क करता था। वो अभी पहली क्लास में था।’
एना ने आगे कहा- ‘मेरे बेटे को मेरे पहले पति ने दफनाया। मैक्सिम के पिता ने मेरे मैसेज के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया।’ वो रोते हुए बार-बार एक ही बात दोहराता रहा कि, ‘मुझे मैक्सिम को बचाना चाहिए था। उसकी मां होने के नाते उसे बचाना मेरी जिम्मेदारी थी और उसमें मैं असफल रही। अब मेरे पास जीने के लिए कुछ नहीं बचा है।’
बच्चों पर सबसे ज्यादा मुश्किल लेकर आया युद्ध
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर डोनबास के डोनेट्स्क और लुहान्स्क से लगभग 2,500 यूक्रेनी बच्चों को किडनैप करके रूस भेजने का आरोप लगाया गया है। UNICEF ने दावा किया है कि अब तक 15 लाख यूक्रेनी बच्चे बेघर हुए हैं। हर सेकेंड में 1 बच्चा रिफ्यूजी बनने को मजबूर है। UNICEF के प्रवक्ता जेम्स एल्डर का कहना है कि इन बच्चों की खरीद-बिक्री भी हो सकती है। यूक्रेन ने रविवार को बताया था कि रूस के हमले में अब तक 112 बच्चों की मौत हो चुकी है।
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