दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दावा किया है कि उसे गुप्त सूचना मिली है कि न्यूज़क्लिक (NewsClick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम और सिंघम के स्वामित्व वाली कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ चीनी कर्मचारियों ने यह दिखाने के इरादे से ईमेल का आदान-प्रदान किया कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा नहीं हैं। दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया कि इन व्यक्तियों ने आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने और अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से किसानों के आंदोलन को लम्बा खींचने की साजिश रची।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि कोविड-19 महामारी को रोकने के भारत के प्रयासों को बदनाम करने के लिए एक झूठी कहानी प्रचारित की गई। प्रबीर पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनावों में तोड़फोड़ करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) नामक समूह के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। इन आरोपों के जवाब में न्यूज़क्लिक (NewsClick) ने कहा कि उसे 2021 से विभिन्न भारतीय सरकारी एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया गया है।
पुलिस के अनुसार, उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने और इसकी एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से भारतीय और विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों की विदेशी धनराशि का निवेश किया गया था। उन्होंने दिल्ली पुलिस ने बताया कि पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अप्रैल 2018 से वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC, USA सहित अन्य के अवैध तरीकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी वाली धनराशि प्राप्त हुई।
पुलिस ने दावा किया कि ट्राईकॉन्टिनेंटल इंडिया प्रा. लिमिटेड और GSPAN इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को गैर सरकारी संगठनों द्वारा विदेशी धन प्राप्ति के मौजूदा नियमों को दरकिनार करके भारत में धन जुटाने के लिए शामिल किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के शेयरधारक गौतम नवलखा भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे, जिसमें प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और राष्ट्र विरोधी सांठगांठ शामिल थी।
जांच के दौरान कई स्थानों पर छापे मारे गए और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए। पूछताछ के बाद मामले में उनकी संलिप्तता सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर, 2023 को प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने दावा किया कि प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों द्वारा गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड के सहयोगियों सहित विभिन्न व्यक्तियों को अवैध रूप से विदेशी धन भेजा गया था।
पुलिस ने पूरी साजिश का खुलासा करने और उनके डिजिटल उपकरणों से बरामद डेटा से उनका सामना कराने के लिए आरोपियों की हिरासत का अनुरोध किया। उन्होंने मामले की ईडी जांच का भी जिक्र किया। कुल मिलाकर, दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उनके पास कथित कंपनी और संदिग्धों से संबंधित लगभग 4.73 लाख ईमेल और कई दस्तावेज़ हैं, जिनकी आगे की जांच और पूछताछ की आवश्यकता है।
दिल्ली पुलिस ने अवैध विदेशी फंडिंग, कोविड-19 के खिलाफ भारत के प्रयासों को बदनाम करने और देश की एकता और अखंडता को बाधित करने के प्रयासों से जुड़ी एक साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया और विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा जांच जारी थी।
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