साल 2021 तक कुछ देशों ने कोरोना महामारी के टिके की टीका खोज कर ली। भारत में भी लोगों को वैक्सीन लगाई जाने लगी। लेकिन इसके बाद से हार्ट अटैक के मामलों में भी अचानक बढ़ोतरी देखने को मिला। अप्रैल 2021 में जब भारत में कोरोना का सबसे खतरनाक स्ट्रेन आया तो देशभर में आम लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की प्रक्रिया तेज हो गई। इस दौरान देशभर में हजारों लोगों की मौत हुई। उस वक्त कई लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई तो वहीं कुछ लोगों की मौत हार्ट-अटैक से हुई।
साथ ही कुछ लोगों की मौत अन्य बीमारियों के चलते भी हुई। जबकि बाद में यह सवाल भी उठने लगा कि कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए बनाई गई वैक्सीन की वजह से लोगों में हार्ट अटैक आने का जोखिम बढ़ा है। इन्हीं आरोपों पर Indian Council of Medical Research (ICMR) एक स्टडी कर रहा है। जिसकी रिपोर्ट जुलाई 2023 प्रकाशित की जाएगी। इस अध्ययन में आईसीएमआर यह जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या भारतीय युवा जिसकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस स्टडी की शुरूआती रिपोर्ट पिछले कुछ समय से पेंडिंग में है।
आईसीएमआर इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले सामने आए निष्कर्षों की समीक्षा कर रहा है। आईसीएमआर इस स्टडी के रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन कर रहा है। आईसीएमआर की कोशिश की है कि डेटा रिलीज करने से पहले वे पूरी तरह से संतुष्ट हो। इन बातों पर स्टडी कर रहा है ICMR गौरतलब है कि अपनी स्टडी में आईसीएमआर कोविड-19 वैक्सीन के साथ दिल के दौरे बढ़ने को लेकर तथा कुछ अन्य सवालों की जांच कर रहा है।
जैसे कि…
1. क्या कोविड को रोकने के लिए बनाया गया टीका मौत के लिए जिम्मेदार था?
2. क्या लोगों की मौत टीकाकरण के बाद नेचुरल कारणों से हुई है?
3. क्या जान गंवाने वाला मरीज कोविड के गंभीर स्टेज पर था या लंबे समय से उससे पीड़ित तो नहीं था? स्टडी में 14000 लोगों के सैंपल साइज इस स्टडी में आईसीएमआर ने 40 अस्पतालों से उसके क्लीनिकल रजिस्ट्रेशन सैंपल साइज ली है।
साथ ही इस स्टडी में कई मरीजों का डाटा AIIMS से भी लिया गया है। जबकि इस स्टडी में 14000 लोगों के सैंपल साइज लिए गए हैं। जिसमें 600 लोगों की मौतों की सूचना मिली थी। इसी साल मार्च माह में केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया ने एक चैनल समिट में माना कि कोरोना के बाद दिल के दौरे की वजह से मरने वालों की सख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। तभी उन्होंने यह भी बताया कि आईसीएमआर इस मामले में स्टडी कर रहा है। हमे इस मुद्दे पर स्टडी आने तक इंतजार करना चाहिए।
‘जल्द स्टडी की रिपोर्ट सबके सामने होगी’ स्वास्थ मंत्री मांडविया ने कहा था कि वैक्सीनेशन के आंकड़े हमारे पास हैं। पिछले तीन-चार माह से ICMR कुछ सवालों पर स्टडी कर रहा है। पहले माना जा रहा था कि इसकी रिपोर्ट छह माह बाद आएगी। लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि जुलाई माह में इस स्टडी को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसके बाद मनसुख मांडविया ने बताया कि हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के आकड़ों की समीक्षा दिल्ली AIIMS द्वारा भी की जा रही है। इस दौरान मांडविया ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन न केवल देश के लिए बल्कि विदेश में निर्यात करने के लिए भी बनाया गया था।
मनसुख मांडविया ने कहा था कि कोरोना महामारी की शुरुआत में सभी अनुमान लगा रहे थे कि भारत को विनाशकारी प्रभाव का सामना करना पड़ेगा। लेकिन आज वैश्विक स्तर पर भारत की तारीफ सर्वश्रेष्ठ वैक्सीनेशन अभियान और कोरोना प्रबंधन के लिए की जा रही है। कुछ सालों में बढ़े हार्ट अटैक के मामले इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में 50 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति में 50 फीसदी हार्ट अटैक का जोखिम देखा गया है।
वहीं यह आंकड़ा 40 साल से कम उम्र के लोगों में 25 फीसदी देखा गया है। इससे साफ पता चलता है कि नौजवानों में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ रही है। साथ ही महिलाओं के मुकाबले पुरुष में यह समस्या ज्यादा है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, ब्लड प्रेशर, शुगर, तनाव, मोटापा और अनियमित जीवन शैली दिल की बीमारियों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
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