नफरत फैलाने वाले भाषण असामाजिक तत्वों द्वारा दिए जाते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस दिन देश के राजनेता धर्म की राजनीति छोड़ देंगे, हेट स्पीच अपने आप खत्म हो जाएंगे। देश में बढ़ते हेट स्पीच के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण असामाजिक तत्वों द्वारा दिए जाते हैं। ऐसे में जनता को स्वयं को संयमित रखने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों का भी हवाला देते हुए कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों को सुनने के लिए दूर-दराज के इलाकों और कोने-कोने से लोग इकट्ठा होते थे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि भारत के लोगों को ऐसे नागरिकों या समुदायों का तिरस्कार करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि ऐसे लोगों को बढ़ावा न मिले।
सार्वजनिक मंचों पर खुलेआम दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषणबाजी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हेट स्पीच करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में विफल रहने के लिए विभिन्न स्टेट अथॉरिटीज के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह रोजाना की बात हो गई है कि असामाजिक तत्व टीवी और सार्वजनिक मंचों पर खुलेआम दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषणबाजी कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक व्यक्ति द्वारा एक समुदाय विशेष के खिलाफ केरल में दिए गए अपमानजनक भाषण की ओर भी ध्यान दिलाया। साथ ही सवाल किया कि याचिकाकर्ता शाहीन अब्दुल्ला ने देश में हेट स्पीच के मामलों में चुनिंदा मामले ही सामने रखे हैं।
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Asianet news हिंदी से साभार
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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