GST काउंसिल की बैठक में शराब से लेकर आटे तक पर लगने वाले टैक्स को लेकर बड़े फैसले हुए हैं. जहां एक तरफ शराब प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है, वहीं, दूसरी ओर ऑनलाइन गेमिंग को लेकर झटका लगा है. बता दें, काउंसिल ने बैठक में शराब को लेकर बड़ा फैसला किया है. GST काउंसिल ने शराब पर लगने वाले कस्टमर्स के टैक्स का अधिकार राज्यों को सौंप दिया है. यानी अब शराब पर लगने वाला टैक्स राज्य ही तय करेगा. इसके अलावा शराब के कस्टमर्स वाले रॉ-मटीरियल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल यानि ENA को GST से राहत दे दी गई है. जबकि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के लिए ENA पर 18% GST लगाया गया है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कल GST की बैठक में क्या चीजें सस्ती हुई हैं, और क्या महंगी हुई हैं.
ये चीजें होंगी सस्ती और महंगी
- शराब- जानकारों के मुताबिक, GST काउंसिल के इस फैसले के बाद शराब की कीमतों पर असर पड़ेगा और ये सस्ती हो सकती है. हालांकि, GST काउंसिल ने ये फैसला पूरी तरह राज्यों पर छोड़ दिया है तो शराब कंपनियां और राज्य ही टैक्स तय करेंगे.
- आटा: काउंसिल ने लेबल वाले मोटे अनाज के आटे पर 5 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया है. आटे को पैक करके उस पर लेबल लगाकर बेचने पर GST लागू होगा. ऐसा आटा, जिसमें कम से कम 70 फीसदी मोटे अनाज होंगे, उसे खुला बेचने पर 0 परसेंट टैक्स लगेगा. वहीं, अगर इसे पैक करके बेचा जाएगा तो इसपर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
- शीरा पर टैक्स कटौती का फायदा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शीरे पर GST कटौती की है. शीरे पर GST कटौती से गन्ना किसानों को फायदा होगा और उनका बकाया तेजी से चुकाया जा सकेगा.
- निदेशकों को राहत: जीएसटी काउंसिल ने साफ़ किया कि कॉरपोरेट सेक्टर द्वारा अपनी सहायक कंपनियों को दी गई गारंटी पर 18 फीसदी GST लगेगा. हालांकि, निदेशक के कंपनी को व्यक्तिगत गारंटी देने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि परिषद ने फैसला किया है कि जब कोई निदेशक किसी कंपनी को कॉरपोरेट गारंटी देगा, तो सर्विस टैक्स माना जाएगा और इसलिए उस पर कोई GST लागू नहीं होगा.
- इसके अलावा GST अपीलीय न्यायाधिकरण GSTAT के अध्यक्ष और सदस्यों की मैक्सिमम एज लिमिट तय करने का भी फैसला लिया गया. इसके तहत GSTAT अध्यक्ष की मैक्सिमम उम्र 70 साल और सदस्यों की मैक्सिमम उम्र 67 साल होगी. इससे पहले यह 67 साल और 65 साल थी.
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को झटका
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर शुरू से ही 28 फीसदी जीएसटी लागू था. बता दें कि दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो पर पिछली तारीख से टैक्स की मांग का मुद्दा उठाया है. ये देनदारियां पहले से ही मौजूद थीं, क्योंकि ये ऑनलाइन गेम दांव लगाकर खेले जाते थे… दांव या जुए के चलते इन पर पहले से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था.
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