अमर जवान ज्योति भारत की राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा-कांग्रेस
इंडिया गेट पर पाँच दशकों से जल रही ‘अमर जवान ज्योति’ को लेकर एक विवाद छिड़ गया है. बात उठी उसे राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति के साथ मिलाने की, जिसे साल 2019 में स्थापित किया गया गया है नरेन्द्र मोदी द्वारा. इसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि मोदी सरकार इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है. वहीं केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद बताया है.
मुद्दे को फिर भटकाया मोदी ने
इस हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया है कि इंडिया गेट पर अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी. मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में, इंडिया गेट पर ग्रेनाइट की बनी उनकी भव्य मूर्ति प्रतिष्ठित की जाएगी.” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जब तक उनकी मूर्ति पूरी नहीं होती, तब तक उस जगह पर एक होलोग्राम से बनी मूर्ति रहेगी, जिसका अनावरण 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर प्रधानमंत्री करेंगे. प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में जिस तस्वीर को पोस्ट किया है, उसमें नेताजी की मूर्ति इंडिया गेट के पास बनी एक छतरी के नीचे लगी दिखती है. इंडिया गेट पर स्थित इस छतरी के नीचे पहले कुछ नहीं था.
अमर जवान ज्योति पर विवाद
शुक्रवार को ऐसी ख़बरें आईं कि केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति की लौ को पास ही में स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति के साथ मिलाने का फ़ैसला किया है.इस ख़बर से राजनीति गरमा गई, क्योंकि अमर जवान ज्योति की स्थापना कांग्रेस सरकार के समय हुई थी, जबकि राष्ट्रीय समर स्मारक का निर्माण मोदी सरकार ने किया है.
कांग्रेस ने इसे भाजपा की एक साज़िश क़रार दिया. पार्टी ने एक ट्वीट कर लिखा- “अमर जवान ज्योति को बुझाना, उन वीरों के साहस और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे. वीरता के इतिहास को मिटाने की भाजपाई साजिश को कोई देशभक्त बर्दाश्त नहीं करेगा. शहीदों के अपमान का मोदी सरकार का ये रवैया बहुत घृणित है.”
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान को नहीं समझ सकते-राहुल गांधी
राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा- “बहुत दु:ख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर-ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान को नहीं समझ सकते. कोई बात नहीं. हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!” मनीष तिवारी ने लिखा- “अमर जवान ज्योति उन 3,483 बहादुर सैनिकों का सम्मान करती है, जिन्होंने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बाँटकर बँटवारे के बाद दक्षिण एशिया का नक्शा फिर से बनाया.
भारत में दो ज्योतियाँ क्यों नहीं हो सकतीं ?-मनीष तिवारी
यह विडंबना है कि बांग्लादेश की आज़ादी के 50वें वर्ष में सरकार जी-जान से स्वाधीनता के बाद के भारतीय इतिहास के इस शानदार दौर को मिटाने में जुटी है. अमर जवान ज्योति हमारी राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है. एक अरब लोग इसे पूजते हुए बड़े हुए हैं. भारत में दो ज्योतियाँ क्यों नहीं हो सकतीं ? अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय समर स्मारक.” मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को ‘शेखी’ बताते हुए कहा कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाना ‘अपराध से कम नहीं’.
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अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति में मिलाया जा रहा है-भाजपा
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने लिखा है, “अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है. उसे राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति में मिला जा रहा है. यह बात अटपटी थी कि अमर जवान ज्योति 1971 और दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लगी थी, मगर उनमें से किसी का नाम वहाँ नहीं लिखा था.” 1971 और इसके पहले और बाद के सभी युद्धों के शहीदों के नाम राष्ट्रीय समर स्मारक पर लगे हैं. इसलिए उन्हें सच्ची श्रद्धाँजलि देने के लिए वहाँ ज्योति जलनी चाहिए.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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