आज सूचनाओं की आंधी के बीच और सोशल मीडिया के जमाने में रियल न्यूज और फेक न्यूज में फर्क करना आम आदमी के लिए मुश्किल हो गया है.पत्रकारों की चुनौतियां तो और बढ गईं हैं क्योंकि उन्हें सूचनाओं के इस महासागर से फैक्ट चेक करके रियल न्यूज निकालनी है और फेक न्यूज से बचना है.आखिर फेक न्यूज या फेक सूचना की पडताल कैसे होगी?इसी को ध्यान में रखते हुए टीवीसी (द वायरल कंपनी) की ओर से डेटालीड्स और गूगल न्यूज इनिशिएटिव के सहयोग से शनिवार को होटल अलकोर में फैक्ट चेक एंड विजुअल वेरीफिकेशन वर्कशाॅप का आयोजन किया गया. जिसका मकसद था पत्रकारों को फेक और रियल न्यूज के प्रति जागरूक करते हुए.
उन्हें इस बात के लिए प्रशिक्षित करना कि कैसे वे गूगल टूल्स/एप्स/साइट्स के इस्तेमाल से फैक्ट चेक करके फेक न्यूज से बचकर फैक्ट बेस्ड न्यूज लिख सकते हैं.कोलकाता से आए गूगल न्यूज इनिशिएटिव के ट्रेनर सह फैक्ट चेकर जाॅयदीप दासगुप्ता ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वर्कशाॅप में मौजूद पत्रकारों को बताया कि कैसे किसी फोटो या वीडियो की सत्यता को जांचा जा सकता है.गूगल के विभिन्न टूल्स/साइट्स वगैरह का व्यवहारिक प्रयोग दिखाकर दासगुप्ता ने बताया कि कैसे कुछ क्षणों में फेक फोटो/वीडियो की पडताल हो जाती है.उन्होंने उदाहरण के तौर पर पाकिस्तान के करांची शहर का एक नाटकीय वीडियो दिखाया जिसको सच समझदार भारत के कई हिस्सों में बच्चा चोर की अफवाह में लोगों को मार दिया गया था.
एसएसपी प्रभात कुमार ने इस वर्कशाॅप की सराहना की
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जमशेदपुर के एस एसपी प्रभात कुमार ने इस वर्कशाॅप की सराहना करते हुए इसे आज नितांत ही आवश्यक बताया.उन्होंने कहा कि आज ब्रेकिंग न्यूज की होड मची हुई है और इस चक्कर में फैक्ट्स का ध्यान नहीं है.बातें बुरी लग सकती हैं पर आज मीडिया अपना असली रोल भूल गई है.एसएसपी ने कहा कि मीडिया को रैट रेस से अगर बचाना है तो फैक्ट्स बेस्ड पत्रकारिता करनी होगी.कोई एजेंडा नहीं होना चाहिए.अ
गर कोई गलत है तो बेझिझक और निडर होकर खबर बनानी चाहिए पर आजकल फेक न्यूज क्रिएट किए जा रहे हैं जो पत्रकारिता के मिशन के खिलाफ है.आज मीडिया को भले लोग गाली देते हैं पर वे जो भी दिखाते हैं उस पर लोग भरोसा भी करते हैं, इसलिए फेक न्यूज दिखाने से पहले उसके दुष्परिणाम के बारे में जरुर सोचना चाहिए.सिर्फ चौथा स्तंभ कहलाने से ही मीडिया की जिम्मेवारी खत्म नहीं हो जाती.
वर्कशाॅप के इस कार्यक्रम में चमकता आईना के प्रबंध निदेशक ब्रजभूषण सिंह, संपादक जयप्रकाश, उदितवाणी के संपादक उदित अग्रवाल,वरिष्ठ पत्रकार संजीव भारद्वाज, होटल अलकोर के ओनर आर. एस. दुग्गल, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह, प्रशांत सिंह ‘पुतुल’, अंजनी पांडेय और राघवेंद्र बतौर अतिथि शामिल हुए.
कार्यक्रम का संचालन टीवीसी की संस्थापक सह डेटालीड्स की
मीडिया लिटरेसी ट्रेनर अंतरा बोस ने किया.वहीं टीवीसी की रिसर्च हेड अन्नी अमृता ने टीवीसी टीम के सहयोगियों राजीव कुमार, विश्वजीत कुमार और राज के सहयोग से अतिथियों का स्वागत किया.कार्यक्रम की परिकल्पना अंतरा बोस और अन्नी अमृता की थी.डेटालीड्स की मीडिया लिटरेसी ट्रेनर अंतरा बोस गूगल न्यूज इनिशिएटिव के सहयोग से फेक न्यूज के खिलाफ ऐसे वर्कशाॅप का आयोजन करती रहती हैं मगर पत्रकारों के लिए अब तक ऐसी कोई पहल न देखकर अंतरा और अन्नी ने ये तय किया कि ऐसा एक वर्कशाॅप सह ट्रेनिंग कार्यक्रम पत्रकारों के लिए किया जाए.
अतिथियों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि
कई खबरें ऐसी होती हैं जहां घटनास्थल पर पत्रकार व्यवाहारिक रूप से नहीं पहुंच सकता है और ब्रेकिंग न्यूज की आपाधापी में कभी कभार हडबडी में गडबडी हो जाती है.ऐसे में आज का वर्कशाॅप सूचनाओं के भ्रमजाल में फैलने से बचाएगा.चमकता आईना के प्रबंध निदेशक सह न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रजभूषण सिंह उर्फ छुटकू भैया ने इस वर्कशाॅप के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पहल मील का पत्थर साबित होगी.इस पहल से अच्छी तरह से जांच पडताल कर समाचार बनाने की दिशा में पत्रकार प्रेरित होंगे.उन्होंने कहा कि इस पहल के लिए टीवीसी की पूरी टीम बधाई की पात्र है.
इस वर्कशाॅप में पचास से भी ज्यादा पत्रकारों ने भाग लिया.कार्यक्रम के अंत में टीवीसी टीम की तरफ से सभी अतिथियों और वर्कशाॅप में शामिल पत्रकारों को धन्यवाद दिया गया.इस कार्यक्रम के आयोजन में जमशेदपुर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, द पाॅड एन बियोंड स्मार्ट होटल और अलकोर होटल का सहयोग रहा.
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