मणिपुर में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़क उठी, जो मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित किया गया था. तब से अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं. घरों में तोड़फोड़ की गई, दुकानें डकैती ली गईं और मणिपुर के कुछ हिस्सों में अशांति देखी गई. इस बीच, एक प्रमुख आदिवासी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने केंद्र और राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्त्री आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से इस भयावह घटना पर ध्यान देने का आग्रह किया है.
मणिपुर में तीन स्त्रियों को सड़कों पर बिना कपड़ों के घुमाने का वीडियो सामने आया है. हालांकि वीडियो दो महीने पुराना बताया जा रहा है, लेकिन बुधवार को वीडियो के सामने आने के बाद पहाड़ी राज्य में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. बोला जा रहा है कि स्त्रियों के बिना कपड़ों के सड़कों पर परेड कराने का वीडियो हिंसा भड़कने के एक दिन बाद यानी चार मई का है. घटना कांगपोकपी जिले की बताई जा रही है. मामले में दर्ज कम्पलेन में बोला गया है कि तीन स्त्रियों को भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया.
तीनों महिलाएं पांच लोगों के एक समूह का हिस्सा थीं, जिनका एक दिन पहले हुई हिंसा के बाद भीड़ ने किडनैपिंग कर लिया था. बोला जा रहा है कि भीड़ ने कथित तौर पर स्त्रियों में से एक के साथ गैंग रेप किया और जब उसके भाई ने हस्तक्षेप करने की प्रयास की तो उसकी मर्डर कर दी गई.
उन्होंने आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है. आदिवासी समूह ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इन बेगुनाह स्त्रियों द्वारा झेली गई भयावह यातना अपराधियों के उस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करने के निर्णय से और बढ़ गई है, जो पीड़ितों की पहचान दर्शाता है.” बोला जा रहा है कि कुकी आदिवासी आज चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मामले को भी उठाने की योजना बना रहे हैं.
पुलिस में दर्ज कम्पलेन में कांगपोकपी जिले में घटना की तारीख 4 मई बताई गई है. हालांकि, एफआईआर 21 जून को थौबल जिले में दर्ज की गई थी. अज्ञात लोगों के विरूद्ध अपहरण, गैंग रेप और मर्डर का मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर में बोला गया है कि तीनों स्त्रियों को शारीरिक रूप से अपने कपड़े उतारने के लिए विवश किया गया और भीड़ के सामने नग्न कर दिया गया.
शिकायत के अनुसार, मणिपुर में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को, एके राइफल्स, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस लगभग 800-1,000 लोग मणिपुर के एक गांव में घुस गए. उन्होंने कथित तौर पर दुकानें लूटीं, संपत्तियों और घरों में तोड़फोड़ की. कम्पलेन के अनुसार, पांच ग्रामीण (दो पुरुष और तीन महिलाएं) पास के जंगल में भागने में सफल रहे, लेकिन करीब 2 किमी दूर भीड़ ने उनका किडनैपिंग कर लिया.
शिकायत के मुताबिक, भीड़ ने पहले एक आदमी की मर्डर की और बाद में तीन स्त्रियों को नग्न होने के लिए विवश किया. 19 वर्षीय एक लड़की के साथ कथित तौर पर गैंग रेप किया गया और जब उसके भाई ने हस्तक्षेप करने की प्रयास की तो उसकी मर्डर कर दी गई. इसके बाद महिलाएं भाग निकलीं.
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