टाटा स्टील के कर्मचारियों को इस वर्ष 20 प्रतिशत बोनस मिल सकता है। जबकि अंतिम बार कर्मचारियों को वर्ष 2008 में अंतिम बार 20 प्रतिशत बोनस मिला था। टाटा स्टील को वित्तीय वर्ष 2020-21 में रिकार्ड 33,011 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच बोनस के लिए एक फार्मूला बना हुआ है। जिसके तहत ही कर्मचारियों को एनजेसीएस से हटने के बाद बोनस दिया जा रहा है।
पुराने व नए फार्मूला में फंसा है पेच
यूनियन के वर्तमान फार्मूला के तीन वर्षों की मियाद वर्ष 2020 में ही समाप्त हो चुकी है लेकिन पुराने फार्मूले के आधार पर ही 18 अगस्त 2021 का बोनस समझौता हुआ है। टाटा स्टील को 9752.13 करोड़ रुपये के मुनाफे पर कर्मचारियों को 270.28 करोड़ रुपये का मुनाफा मिला था। लेकिन इस बार यह मुनाफा पिछड़े आंकड़ों की तुलना में तीन गुणा से ज्यादा अधिक 33,011 करोड़ रुपये है। फार्मूला से हुआ तो कर्मचारियों के हिस्से में 600 करोड़ रुपये से अधिक बोनस आएगा। लेकिन यूनियन नेतृत्व की माने तो प्रबंधन भविष्य में आने वाली चुनौतियों का हवाला देकर इतना बोनस देना नहीं चाहती।
20 प्रतिशत तक बोनस मिल सकता है
ऐसे में कर्मचारियों को इस बार 20 प्रतिशत तक बोनस मिल सकता है। जिसका आंकडा 360 से 400 करोड़ रुपये तक यह राशि मिलेगी। इतनी राशि भी यूनियन के इतिहास में सबसे अधिक बोनस होगी। फार्मूला और कंपनी के मुनाफे के राशि तय होने के बावजूद अब तक बोनस समझौता नहीं होना, इन तथ्यों को और बल दे रहा है और यह इन दिनों टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इस पूरे मामले में यूनियन नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है। बोनस पर निर्णायक वार्ता 15 सितंबर तक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्टील की कीमत बढ़ने से बढ़ा मुनाफा
पहले रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध, उसके बाद चीन में आई आर्थिक मंदी से स्टील का वैश्विक बाजार काफी प्रभावित हुआ। इसके कारण स्टील की कीमत प्रति टन 92 से 99 हजार टन तक बिकी। इसके कारण टाटा स्टील सहित अधिकतर भारतीय कंपनियों ने इसे अवसर के रूप में अपनाया और विदेशी बाजार में अच्छी बिक्री कर रिकार्ड मुनाफा अर्जित किया। समेकित रूप से टाटा स्टील को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 44,749 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।
बोनस पर विपक्ष का अपना तर्क
बोनस पर विपक्ष के नेताओं का अपना तर्क है। उनका कहना है कि रिकार्ड मुनाफे पर ही कंपनी के शेयरधारकों को इस वर्ष सबसे अधिक 51 रुपये का लाभांश मिला। कंपनी में कार्यरत अधिकारियों को भी सबसे अधिक परफार्मेंस बोनस मिला तो बेहतर मुनाफे का लाभ कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। कर्मचारी 20 प्रतिशत बोनस के सरकारी फार्मूले के नियमों से बाहर है क्योंकि कर्मचारियों को बीते कई वर्षों से प्रतिशत पर बोनस नहीं मिलता। उन्हें प्रोफिट शेयरिंग बोनस मिलता है तो इस बार भी उन्हें बेहतर मुनाफे का लाभ मिले।
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