इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की जमशेदपुर शाखा ने शहर में 11 फर्जी डॉक्टरों (क्वैक) को पकड़ा है, जो बिना वैध डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। रविवार को आईएमए कार्यालय साकची में आयोजित प्रेस वार्ता में अध्यक्ष डॉ. जीसी मांझी और सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने इन सभी डॉक्टरों के नाम का खुलासा किया और कार्रवाई के लिए सोमवार को उपायुक्त व सिविल सर्जन से मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात कही।
इन डॉक्टरों के बारे में जांच की और उनके खिलाफ सबूत जुटाए
आईएमए के दोनों पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर अपने स्तर से इन डॉक्टरों के बारे में जांच की और उनके खिलाफ सबूत जुटाए। जांच में पता चला कि ये फर्जी डॉक्टर न केवल मरीजों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि उन्हें दवा लिखकर दे रहे हैं और ऑपरेशन भी कर रहे हैं। जबकि किसी के पास वैध डिग्री तक नहीं है। शहर में खुलेआम इनकी प्रैक्टिस चल रही है।
गलत इलाज के कारण मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर
ऐसे फर्जी चिकित्सकों के गलत इलाज के कारण मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और उनकी मौत तक हो रही है। लोगों से अनुरोध किया गया कि वैध डिग्री वाले डॉक्टरों से ही इलाज कराएं। इसके लिए आईएमए अपने स्तर से भी पहल कर रही है। वैध डिग्रीधारी सभी डॉक्टरों की पर्ची में आईएमए का भी जिक्र रहेगा। अगर उपायुक्त के स्तर से मामले की जांच कराई गई तो और भी कई फर्जी डॉक्टरों का खुलासा होगा।
अस्पतालकर्मी, कंपाउंडर, चश्मे का पावर जांचने वाले बन गए डॉक्टर
पदाधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला कि अस्पताल के कर्मचारी, कंपाउंडर, चश्मे का पावर जांचने वाले, वार्ड गर्ल्स डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों के साथ लंबे समय तक काम करने के कारण इन्हें अनुभव हो जाता है कि कौन सी दवा देनी है। लेकिन इनके पास कोई वैद्य डिग्री नहीं रहती है। इस कारण गलत इलाज से मरीजों की जान पर भी बन आती है I
आईएमए द्वारा जारी फर्जी डॉक्टरों की सूची
1. सुबोध कुमार: डिमना रोड में मरीजों में देखते हैं। नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं और डिग्री में एमडी मेडिसिन लीवर रोग विशेषज्ञ होने का दावा करते हैं।
2. एस महुआर: मानगो में मरीजों को देखते हैं। नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं और फिजिशियन होने का दावा करते हैं।
3. एमए जैना: आजादनगर में मरीज देखती हैं और एक नर्सिंग होम में वार्ड गर्ल्स हैं। नाम के आगे डॉक्टर लगाती हैं और डिग्री में एमबीबीएस लिखती हैं।
4. संजय नंदी: काशीडीह में मरीज देखते हैं। नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं। बिना कोई वैद्य डिग्री के मरीजों के पेट से पानी तक निकालते हैं।
5. जेके गांगुली: शास्त्रीनगर में मरीजों को देखते हैं और बिना डिग्री मरीजों का इलाज करते हैं।
6. अशोक मोहंती: एक अस्पताल के कर्मचारी हैं और नाम के आगे डॉक्टर लिखकर इलाज करते हैं। इनकी दवा से मरीज के लीवर और किडनी पर असर पड़ रहा है।
7. रवि शंकर: फिजियोथेरेपिस्ट हैं, लेकिन नाम के आगे डॉक्टर लिखकर पर्ची में दवा भी लिखते हैं।
8. एसएन कुंभकार: डिमना रोड में मरीजों को देखते है। ऑप्टिमाइटिस हैं, लेकिन पर्ची में दवा भी लिखते हैं।
9. शुभेंदु कुमार: जाकिरनगर में मरीजों को देखते हैं। नाम के आगे डॉक्टर लगाकर जनरल फिजिशियन होने का दावा करते हैं।
10. सीमा परवीन: नाम के आगे डॉक्टर लगाकर जाकिरनगर में मरीज देखती हैं। पर्ची में आईएमए के लोगो का भी उपयोग करती हैं।
11. एमआई अंसारी: बारीडीह मार्केट में मरीज देखते हैं और नाम के आगे डॉक्टर लगाकर फिजिशियन होने का दावा करते हैं।
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