झारखंड में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह देने की जगह मंत्री जी लोगों को बर्ड फ्लू में चिकन खाने की सलाह दे रहे हैं। राज्य में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को लेकर जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ताजा हालात को देखते हुए पशुपालन मंत्री इस पर संज्ञान लेंगे । इसमें जरूरी कार्रवाई करेंगे। पत्रकारों ने जब बताया कि लोग डर रहे हैं, भयभीत हैं ? इस पर मंत्री जी ने कहा, अरे कोई डरने उरने का जरूरत नहीं है। जब- जब बर्ड फ्लू आया है। तब- तब हम ज्यादा मुर्गा खाए हैं । उसको जो है ज्यादा आग में भून कर खाना है।
विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर साधा निशाना
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, इस बढ़ते खतरे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। अब सवाल है कि ऐसे वक्त में जब राजधानी रांची सहित राज्य के दूसरे जिलों में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है ऐसे में मंत्री का बयान इस खतरे में सरकार की गंभीरता पर बड़े सवाल खड़े करता है।
सरकार बर्ड फ्लू को लेकर कितनी गंभीर
बाकारो में लगभग 4 हजार संक्रमित मुर्गियों को मारा गया। विशेषज्ञ यह पूरा प्रयास कर रहे हैं कि यह खतरा दूसरे जगहों तक ना फैले। रांची में मुर्गियों की मौत के बाद भेजे गये सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गयी। होली का वक्त है कई लोग मांसाहार के बगैर होली को अधूरा मानते हैं।
ऐसे में इन मामलों के सामने आने से चिकन की बिक्री पर असर पड़ेगा। राज्य पशुपालन निदेशक, चंदन कुमार ने भी इन्फेक्शन फैले क्षेत्र के 1 किमी के दायरे को प्रभावित क्षेत्र घोषित करके पक्षियों को मारने के लिए पहचान करने का निर्देश दिया है । 10 किमी के दायरे के क्षेत्रों को निगरानी क्षेत्र घोषित किया जाएगा। सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाने पर भी फैसला लिया गया है। सभी सारे पोल्ट्री का सर्वेक्षण किया जायेगा। प्रशासन बर्ड फ्लू को लेकर गंभीर है और प्रयास कर रहा है कि ऐसे पोल्ट्री फार्म जहां मुर्गियों की संख्या ज्यादा है उनकी जांच की जाए।
मंत्री जी के बयान पर बवाल लेकिन सलाह सही
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान पर बवाल है। मंत्री जी अगर बर्ड फ्लू में लोगों को ज्यादा से ज्यादा चिकन खाने की सलाह नहीं देते, तो यह बयान सुर्खियों में नहीं होता। मंत्री जी अगर यह कहते कि खाना ही है तो इसे अच्छी तरह पका कर खाएं करते हैं तो यह अपील ज्यादा कारगर होती। मंत्री जी बर्ड फ्लू के खतरे को खतरा मानने के लिए ही तैयार नहीं।
क्या ऐसे वक्त में चिकन खाना सही है?
मंत्री जी के बयान पर भले ही बवाल हो लेकिन राज्य में बढ़ते खतरे के बीच सवाल वही है कि चिकन खाएं या ना खाएं। मंत्री जी की नहीं इसमें विशेषज्ञों की सुनना बेहतर है। एक्सपर्ट मानते हैं कि चिकन को 70 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से बर्ड फ्लू का वायरस खत्म हो जाता है। हालांकि लोगों को अध पके पोल्ट्री प्रोडक्ट और मांस खाने से बचना चाहिए। WHO के मुताबिक अभी तक ये सबूत नहीं मिले हैं कि पके हुए पोल्ट्री फूड से किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो सकता है। ये वायरस तापमान के प्रति संवेदनशील है और अधिक कुकिंग टेंपरेचर में नष्ट हो जाता है। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि पोल्ट्री उत्पाद खाने से इंसान में बर्ड फ्लू वायरस के फैलने को कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि, साफ-सफाई और खाना बनाने के दौरान सावधानी जरूरी है।
क्या इंसानों में भी बर्ड फ्लू का खतरा है?
H5N1 पहला बर्ड फ्लू वायरस है, जिसने पहली बार किसी इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हॉन्गकॉन्ग में आया था।H5N1 आमतौर पर पानी में रहने वाले पक्षियों में होता है, लेकिन ये पोल्ट्री फार्म में पलने वाले पक्षियों में भी आसानी से फैल सकता है। WHO के मुताबिक बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट हो सकता है, ऐसा संभव है, लेकिन दुर्लभ है।
बर्ड फ्लू का संक्रमण किन्हें हो सकता है?
संक्रमण होने पर यह वायरस शरीर में लम्बे समय तक रहता है। पक्षियों में संक्रमण होने पर वायरस उसमें 10 दिन तक रहता है। यह मल और लार के रूप से बाहर निकलता रहता है। इसे छूने या सम्पर्क में आने पर संक्रमण हो सकता है।
इंसान में यह वायरस कैसे फैलता है और पहला मामला कब आया?
बर्ड फ्लू के कई वायरस हैं, लेकिन H5N1 पहला वायरस है जिसने इंसान को संक्रमित किया। संक्रमण का पहला मामला हॉन्ग-कॉन्ग में 1997 में सामने आया था। यह वायरस संक्रमित मुर्गियों के जरिए इंसान तक फैला था।2003 से यह वायरस चीन समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका में फैलना शुरू हुआ। 2013 में इंसान के संक्रमित होने का मामला चीन में भी सामने आया।
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