
झारखंड में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने को लेकर शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि राज्य में 2019 से बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है. इसका नतीजा है कि प्रदेश में बालू की सप्लाई में दिक्त आ रही है. इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
प्रदेश में बालू की अनुपलब्धता से इसकी कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि
सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में कहा गया कि प्रदेश में बालू की अनुपलब्धता से इसकी कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इस कारण जनसामान्य से लेकर बिल्डर्स-डेवलपर्स के समक्ष उत्पन्न हुईं कठिनाइयों से सभी वाकिफ हैं. खनन विभाग और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के कई प्रयासों के बाद भी स्थितियां यथावत बनी हुई हैं. इस कारण एक तरफ जहां प्रदेश में निर्माण उद्योग बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर इस सेक्टर से जुड़े अन्य व्यापार व इससे रोजगार प्राप्त करने वाले श्रमिक जीविका संकट का सामना कर रहे हैं.
प्रदेश में 15 अक्टूबर तक बालू उत्खनन पर रोक प्रभावी
चूंकि एनजीटी के निर्देशों के कारण प्रदेश में 15 अक्टूबर तक बालू उत्खनन पर रोक प्रभावी है. ऐसे में उचित होगा कि एनजीटी का आदेश प्रभावी होने की अवधि तक राज्य में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए. पत्र में यह आग्रह किया गया कि राज्य में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए विभागीय निर्देश जारी करें या पहले की तरह पुनः झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के माध्यम से ही राज्य में बालू घाटों की नीलामी होनी है, तब यथाशीघ्र एमडीओ की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने की पहल करें. ताकि अगले वर्ष राज्य में बालू संकट की समस्या न उत्पन्न हो और निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चल सके.

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