उनकी याद में मानव सेवा कर अर्पण की गई भावभीनी श्रद्धांजलि
जमशेदपुर के मशहूर धातकीडीह में स्थित हावड़ा बेकरी के मालिक शमशेर आलम मिद्दा के निधन पर टीम पीएसएफ ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. निदेशक अरिजीत सरकार ने यह शहर के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने बताया कि हावड़ा बेकरी की स्थापना आजादी के पूर्व सन 1932 में पश्चिम बंगाल के हावड़ा से आए अब्दुल हमीद मिद्दा ने किया था. वे बड़े ही मिलनसार शख्स थे, जो एक छोटे से व्यवसाय को अपनी व्यवहार कुशलता के साथ आगे बढ़ाते रहे. आज हावड़ा बेकरी एक ब्रांड के रूप में पहचान बना चुका है. अब्दुल हमीद मिद्दा के पुत्र शमशेर आलम मिद्दा 1941 में जमशेदपुर आकर दसवीं की पढ़ाई पूरी की, पिता के काम में हाथ बंटाने लगे.
इनका जन्म 1933 में हुआ था. शमशेर आलम मिद्दा को बचपन से ही व्यवसाय के प्रति एक अलग रुचि थी. धीरे-धीरे अपने मृदुभाषी व मिलनसार प्रवृत्ति के कारण शमशेर आलम मिद्दा ने इस छोटे से व्यवसाय को दो हजार के दशक में घर घर एक ब्रांड के रूप में पहचान दिला दी.
91 वर्ष के उम्र में भी पूर्णतया स्वस्थ, व्यवसाय को संभालते हुए उन्होंने कहा था, “नियति के आगे किसी की एक नहीं चलती और 12 जनवरी 2025 को जमशेदपुर में ही अपने व्यवसाय से जुड़े सभी साथियों को मिठाई खिलाकर जैसे उन्हें आनेवाले एक एक लम्हे के बारे में पहले से मालूम था, हंसते मुस्कुराते इस दुनिया को अलविदा कह गए. अपने वे तमाम पुराने यादों को छोड़ गए. अरिजीत सरकार ने कहा कि उनका अलविदा कह जाना उनके जाननेवालों के लिए और जमशेदपुर शहर के लिए एक अपुरणीय क्षति है. टीम पीएसएफ ऐसे व्यक्तित्व को नमन करता है. आज ऐसे ही मानव सेवा के जरिए जरुरतमंदों को भोजन कराकर मरहूम शमशेर आलम मिद्दा को अर्पण भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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