
आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ ओपी आनंद के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज आपराधिक केस को झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी ने खारिज कर दिया है। हाइकोर्ट ने शनिवार 18 जून को जारी आदेश में एक डाॅक्टर के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से आपराधिक केस चलाने काे लेकर तल्ख टिप्पणी की। हाइकोर्ट ने मामले काे विद्वेषपूर्ण करार दिया है। न्यायाधीश ने कहा- काेराेना काल में एक डाॅक्टर के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का प्रयास किया गया, जबकि संचालक डाॅक्टर ने काेई गैरकानूनी काम नहीं किया है।
ऐसे में लगता है कि सिर्फ डाॅ आनंद काे नुकसान पहुंचाने के मकसद से आपराधिक केस दर्ज कराया गया है। इसलिए डाॅक्टर के खिलाफ आपराधिक केस खारिज किया जाता है। इस मामले में डाॅ ओपी आनंद की ओर से सुप्रीम काेर्ट की अधिवक्ता पिंकी आनंद, राजेश रंजन, नीलेश कुमार व अन्य ने पैरवी की थी।
मंत्री बन्ना गुप्ता व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ बयानबाजी पर वायरल हुआ था वीडियो
15 मई 2021 को डॉ ओपी आनंद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य विभाग टीम के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते दिखे थे। इसके बाद 23 मई 2021 को रात 7.45 बजे डॉ आनंद को उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 23 मई 2021 को ड्रग इंस्पेक्टर कुंज बिहारी व अन्य अधिकारियों ने डॉ ओपी आनंद के घर पर छापेमारी की थी। उसी दिन विभाग की ओर से ड्रग इंस्पेक्टर कुंज बिहारी के बयान पर आरआईटी थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत आपराधिक केस दर्ज कराया गया।
जानें मामले में कब-क्या हुआ: 152 दिन जेल में रहे थे ओपी आनंद
- 15 मई 2021 : डॉ ओपी आनंद द्वारा जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम से बातचीत का वीडियो वायरल हुआ I
- 16 मई 2021 : सरायकेला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ बरियल मार्डी के बयान पर भादवि 341, 323, 340, 304, 506, 188 के तहत आरआईटी थाने में केस दर्ज किया गया।
- 21 मई 2021 : आदित्यपुर रैन बसेरा निवासी सुनील झा की इलाज के दौरान मौत और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में सुनील झा की बेटी ज्योत्सना ने दो अलग-अलग केस दर्ज कराए।
- 23 मई 2021 : प्रभारी सिविल सर्जन डॉ बरियाल मार्डी द्वारा आरआईटी थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने, गाली गलौज, मारपीट मामले में पुलिस ने डॉ ओपी आनंद को गिरफ्तार किया।
- 05 अक्टूबर 2021: हाइकोर्ट ने मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दियाI
- 20 अक्टूबर 2021: हाइकोर्ट से जमानत मिली। पर बेल बांड नहीं भर सके।
- 21 अक्टूबर 2021 : बेल बांड भरने के बाद जेल से बाहर निकले।
- 09 जून 2022 : एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले में सुनवाई हुई I
- 18 जून 2022 : हाइकोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले को खारिज कर दिया।
एक बेकसूर डाॅक्टर काे छह माह जेल जाना पड़ा, मंत्री करें भरपाई
हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। बेकसूर डाॅक्टर काे साजिश के तहत जेल भेज दिया गया। केस खारिज ताे हाे गया, मगर डाॅक्टर ने बिना दोष छह माह की सजा भुगती है। इसकी भरपाई मंत्री करेंगे। – सरयू राय, विधायक
आपराधिक केस दर्ज कर मुझे छह माह तक जेल में रखा गया। मेरी पत्नी के खिलाफ भी केस दर्ज किए गए। अस्पताल बंद हाे गया। कई कर्मचारी बेरोजगार हाे गए। झूठे केस के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ अस्पताल काे नुकसान हुआ। मैंने कई बार स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ गलत नीतियों काे लेकर आवाज उठाया। – डॉ ओपी आनंद

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