सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय दुमका के संथाल परगना महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. कुमार सौरभ ने कहा कि विज्ञान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से रहा है। गणित में तो भारतीय दशमव पद्धति ने दुनिया में अपना लोहा बनवाया है। वे वर्कर्स कॉलेज द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित कर रह थे।कुमार ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में चरक संहिता का विशेष स्थान है तो शल्य चिकित्सा में सुश्रुत संहिता का। महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने पूरे विश्व को शून्य से अवगत कराया और दुनिया ने गिनती आरंभ की।
गुरुत्वाकर्षण बल की बात करे तो न्यूटन से लगभग 1000 वर्ष पूर्व भारतीय ऋषि भास्कराचार्य ने इस बाबत जानकारी प्रदान की थी। इससे पहले कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम के सफल आयोजन की कामना की। साथ ही व्याख्यान माला श्रृंखला के बारहवें अध्याय की रुपरेखा प्रस्तुत की। संचालन प्राध्यापक प्रो.भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग की अध्यक्षा प्रो. सुनीता गुड़िया ने की। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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