उलीडीह थाना क्षेत्र के शंकोसाईं रोड नंबर 5 स्थित मुंडा कॉलोनी निवासी हरदेव मंडल के छोटे पुत्र अंश मंडल (12) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बड़े भाई हर्ष मंडल (14) से झगड़ा करने के बाद शुक्रवार की शाम कमरे का दरवाजा भीतर से बंद कर फांसी लगा ली।
शुक्रवार की दोपहर अंश का उसके बड़े भाई हर्ष के साथ खाना खाने के दौरान किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों भाई अपने कमरे में सोने के लिए चले गए। शाम 7 बजे अंश को जगाने के लिए उसकी मां सोनी देवी गई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
इसके बाद पड़ोसियों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा गया, तो सभी के होश उड़ गए। अंश का शव रस्सी के सहारे फांसी से लटक रहा था। उसके शव को परिजन आनन-फानन में फंदे से उतार कर टीएमएच पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां सोनी देवी के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है।
अंश संत एंथोनी विद्यालय में कक्षा सातवीं का छात्र था, जबकि उसका बड़ा भाई आठवीं का छात्र है। उसके पिता चालक हैं। ट्रक लेकर वह उत्तराखंड गए हुए हैं। अंश की मौत से उसकी मां बेसुध है।
अधिकतर सुसाइड पारिवारिक विवाद के कारण हो रहे है
इस साल चार किशोरी समेत 7 नाबालिगों ने आत्महत्या की है। चार नाबालिगों ने पारिवारिक विवाद में फांसी लगाई। जबकि तीन के आत्महत्या करने का कारण पता नहीं चल पाया है।
- 19 फरवरी को कमलपुर में रहने वाली नाबालिग जयंती महतो (15) ने पारिवारिक विवाद में लगाई फांसी।
- 11 मार्च को गम्हरिया निवासी निशा कुमारी ने पारिवारिक विवाद में फांसी लगा की आत्महत्या।
- 11 मार्च को परसुडीह के खासमहल निवासी राहुल पात्रो (17) ने फांसी लगाई। उसकी मानसिक स्थिति खराब थी।
- 17 अप्रैल को परसुडीह के सरजमदा निवासी करीना कुमारी (15) ने अज्ञात कारणों से फांसी लगाई।
- 18 मई को मानगो धोबी लाइन निवासी शिवा गोप (15) ने अज्ञात कारणों से लगाई फांसी।
- 26 मई को बिरसागनर निवासी सोनी कुमारी (17) ने पारिवारिक विवाद में लगाई फांसी।
- 27 मई को उलीडीह मुंडा कॉलोनी निवासी अंश मंडल (12) ने पारिवारिक विवाद में लगाई फांसी।
बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं सोशल मीडिया और गेम से दूर रखें
छोटी-छोटी बातों पर नाबालिग आत्महत्या कर रहे हैं। कोविड के समय में स्कूलों का बंद रहना, बच्चों का सोशल मीडिया, मोबाइल गेम पर ज्यादा समय देना इसका सबसे बड़ा कारण है। इन सब के कारण बच्चे सब से अलग रहना पसंद कर रहे हैं। बच्चों में एग्रेशन आ गया है।
कई मामलों में बच्चे अपने पेरेेंट्स को सजा देने के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं। कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स झगड़ा के बाद खुद को मारने-मरने की धमकी दे रहे हैं। ये सब भी बच्चे सीखते हैं। इसे रोकने के लिए पेरेंट्स को बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना होगा। पेरेंट्स आपस में झगड़ा कम करें। बच्चों को सोशल मीडिया और गेम से दूर रखा जाए।
2021 से अब तक 289 ने की आत्महत्या, 49 परिवार कलह से
पूर्वी सिंहभूम जिला में वर्ष 2021 से अब तक 289 लोगों ने सुसाइड किया। परीक्षा में फेल या परीक्षा की तैयारी में टेंशन को लेकर 23, पारिवारिक कलह के कारण 49, कोरोना काल में आर्थिक तंगी के कारण 22, तनाव में 29, बेरोजगारी में 4, प्रेम प्रसंग में 9 ,दहेज प्रताड़ना से तंग आकर 6 महिला और जिंदगी से हताश होकर 10 लोगों ने फांसी लगाई।
सुसाइड करने वालों में सबसे अधिक 45 वर्ष के कम के लोग है। वर्ष 2021 में 45 वर्ष के अंदर कुल 199 महिला और पुरुषों, 45 से 60 के बीच 56 लोगों ने सुसाइड किया। 289 लोगों में से 194 लोगों ने फांसी लगाकर जान दी। 7 लोगों ने आत्मदाह किया, 11 लोगों ने जहर खाकर, 18 लोगों ने ट्रेन से कटकर, 14 लोगों की नदी या तालाब में डूब कर अपनी जान दी।
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