जिला सुरक्षा समिति ने पूर्वी सिंहभूम के कई रसूखदारों के बॉडीगार्ड वापस ले लिए हैं। इनमें सत्ताधारी पार्टी एवं विपक्ष से जुड़े कई नेताओं के अलावा बिल्डर, समाजसेवी एवं कारोबारी शामिल हैं। कई लोगों के बॉडीगार्ड मुहैया कराए जाने के आवेदनों पर विशेष शाखा एवं स्थानीय थाना से प्रतिवेदन मांगा गया है।
बैठक में 43 आवेदनों पर विचार किया गया
सुरक्षा समिति की बैठक में 43 आवेदनों पर विचार किया गया। इसमें 19 वैसे लोग शामिल हैं, जिनमें कुछ को पहले बॉडीगार्ड मिला था। कुछ लोगों ने सुरक्षा का हवाला देकर बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने का आवेदन दिया था। सुरक्षा समिति ने सभी 19 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया है। इसके साथ ही 11 रसूखदारों के मामले में स्थानीय थाना व विशेष शाखा से प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद ऐसे लोगों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा। ऐसे लोगों में सत्ताधारी दल के एक जिलाध्यक्ष, विपक्षी दल के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर भ्रमण करने का हवाला देकर सुरक्षा मांगी
सत्ताधारी दल के चार विधायकों ने जिला प्रशासन से एके-47 राइफलधारी जवान उपलब्ध कराने की मांग की थी। विधायकों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर भ्रमण करने का हवाला देकर सुरक्षा मांगी थी। जिला सुरक्षा समिति ने उनकी मांगों को देखते हुए उन्हें दो-दो एके-47 राइफलधारी जवान व दो-दो 9 एमएम (सीएमजी) से लैस पुलिस जवान उपलब्ध कराये हैं। झामुमो के एक कद्दावर नेता के बॉडीगार्ड की मांग को खारिज कर दिया है। दोनों नेता ने पार्टी में प्रतिद्वंद्विता एवं उग्रवाद प्रभावित जिला होने के कारण जान का खतरा होने का हवाला देकर बॉडीगार्ड की मांग की थी। वहीं, सुरक्षा समिति ने पूर्व में आपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चा में रहे झामुमो के एक कद्दावर नेता को एक बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता की मांग खारिज
भाजपा के एक पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने अपने नाम से निर्गत दो बॉडीगार्ड में एक की कमान अपने परिवार (बेटे) के सदस्य के नाम पर निर्गत करने की मांग की थी, जिसे जिला सुरक्षा समिति ने खारिज कर दिया। समिति का कहना है कि किसी व्यक्ति को दिए गए बॉडीगार्ड की कमान परिवार के दूसरे सदस्य के नाम निर्गत नहीं किया जा सकता है। भाजपा के एक पूर्व प्रदेश प्रवक्ता का बॉडीगार्ड इसलिए वापस ले लिया गया, क्योंकि उनकी जानमाल से जुड़ी किसी तरह की धमकी का मामला सामने नहीं आया है।
न्यायिक पदाधिकारियों को मिलेंगे बॉडीगार्ड
जिला सुरक्षा समिति ने सिविल कोर्ट जमशेदपुर के न्यायिक पदाधिकारियों की ओर से बॉडीगार्ड उपलब्ध कराए जाने के आवेदनों पर विचार किया। सभी को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का अनुमोदन प्राप्त होने पर बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
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