
एलबीएसएम कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के लिटरेरी क्लब के द्वारा बहुभाषी कवि गोष्ठी आयोजित
साहित्य का काम जोड़ना है और कविता के माध्यम से यह इस काम को बखूबी किया जा सकता है
विश्व कविता दिवस के अवसर पर आज एलबीएसएम कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के लिटरेरी क्लब के द्वारा बहुभाषी कवि गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व कविता दिवस के महत्व को स्पष्ट करते हुए विषय प्रवेश के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य एवं मैथिली-हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक कुमार झा ने कहा कि साहित्य का काम जोड़ना है और कविता के माध्यम से यह इस काम को बखूबी किया जा सकता है। उन्होंने दिनकर की पंक्तियों को भी उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि राजनीति जब लड़खड़ाती है तो साहित्य उसे संभालती है।
कॉलेज को विकास के पथ पर अग्रसर देखकर खुशी होती है।”
कार्यक्रम में एलबीएसएम कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों, जिन्हें साहित्य अकादमी के विविध पुरस्कारों तथा बाल पुरस्कार युवा पुरस्कार अनुवाद पुरस्कार और मूल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, को भी अंग वस्त्र और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले में रविंद्र नाथ मुर्मू, जोबा मुर्मू, ताला टुडू, पीतांबर माझी व वीर प्रताप मुर्मू शामिल थे। सभी सम्मान-प्राप्त कर्ताओं ने कहा, “इतने दिनों के बाद भी हमारा महाविद्यालय हमें याद करता है और हमें सम्मानित किया है, इससे अत्यधिक प्रसन्न हैं और कॉलेज को विकास के पथ पर अग्रसर देखकर खुशी होती है।”
रागिनी भूषण ने कविता के महत्व को रस और छंदों के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट किया
मुख्य अतिथि के रूप में रागिनी भूषण ने कविता के महत्व को रस और छंदों के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट किया। उन्होंने अपने मुक्तकों के साथ-साथ संस्कृत की भी लयाबाद कविता सुनकर छात्रों को काफी प्रभावित किया। संथाली भाषा के वरिष्ठ कवि और साहित्य अकादमी से सम्मानित भोगला सोरेन ने भी अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया और संथाली में अपनी कविता पाठ भी किया।
20 से अधिक छात्र-छात्राओं ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया
इसके अतिरिक्त नूतन जाने मैथिली में डॉ. विजय प्रकाश ने नागपुरी में, शबनम प्रवीण ने उर्दू में, कार्यक्रम की संयोजन का डॉक्टर मौसमी पॉल ने हिंदी में अपनी कविता का पाठकिया। इसके अतिरिक्त विनय कुमार गुप्ता, दीपांजन श्रीवास्तव, विनोद कुमार, सुधीर सुमन एवं सुजीत कुमार ने भी अपनी कविताओं से अपनी छाप छोड़ी। आज की इस कभी गोष्ठी की सबसे बड़ी विशेषता रही 20 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा स्वरचित कविताओं का पाठ। इन सभी छात्राओं ने संथाली हो अंग्रेजी, बांग्ला, हिंदी, नागपुरी, उर्दू आदि भाषाओं में अपनी कविता का पाठ किया। छात्रों के द्वारा किए गए कविता पाठ के विषय वैविध्य मैं हर किसी को चमत्कृत किया। पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण प्रकृति संरक्षण बेरोजगारी विकास अध्यात्म हर पहलू को ध्यान में रखते हुए कविताओं का पाठ किया गया।
मां और मां के महत्व के पर भी रचनाएं
रोटरी क्लब जमशेदपुर मिड टर्म की अध्यक्ष प्रीति सैनी ने भी अपना काव्य पाठ किया तथा जिसको के पदाधिकारी सुमन कुमार जहां भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे और उन्होंने भी अपनी मां और विद्यार्थियों से संबंधित कविताओं के माध्यम से काफी वाहवाही लूटी। नए अधिकारों के साथ-साथ पुरुषों के अधिकार को इंगित करते हुए भी कविताएं आई जो काव्य के महत्व को दर्शाती है। कई नवोदित छात्र-छात्राओं ने मां और मां के महत्व के ऊपर भी अपनी रचनाएं सुनाई। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर विनोद कुमार ने किया तथा धनबाद ज्ञापन हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ पुरुषोत्तम प्रसाद ने किया।
इस अवसर पर कविता पाठ के अतिरिक्त कविता में छंदों का महत्व आज की कविता कवियों का दायित्व आदि पर भी चर्चाहुई। यह भी निर्णय लिया गया की जितनी कविताओं का पाठ आज किया गया है उसे महाविद्यालय के साहित्यिक बुलेटिन में प्रकाशित किया जाएगा

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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