
सरायकेला अपर उपायुक्त की अध्यक्षता में 9 मई को बाल श्रम उन्मूलन हेतु ज़िला स्तर पर बैठक की गई. बैठक में अपर उपायुक्त ने ज़िला स्तर पर स्वयं के नेतृत्व में अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचल में अंचल अधिकारी की अगुआई में धावा दल का गठन किया.
संबंधित अंचल में संबंधित थाना प्रभारी एवं सीडीपीओ को सदस्य के रूप में नामित किया गया.
धावा दल अपने-अपने क्षेत्राधिकार में मुख्य रूप से होटल, गैरेज, दुकान प्रतिष्ठान सभी का औचक निरीक्षण कर कार्यरत बाल श्रमिकों को मुक्त कराते हुए उन्हें पुनर्वास से जोड़ेंगे एवं प्रति माह ज़िला को इसके संबंध में प्रतिवेदित करेंगे. बाल श्रम यानि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य कराने वाले नियोजकों के ऊपर बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा 14 (1) के तहत दंड का प्रावधान है एवं दंड स्वरुप इसमें 20 हज़ार से 50 हज़ार तक का आर्थिक दंड अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक का सश्रम कारावास अथवा दोनों का प्रावधान है.
बाल श्रम से विमुक्त होने वाले बच्चे-बच्चियों का पुनर्वास अत्यंत आवश्यक
बाल श्रम से विमुक्त होने वाले बच्चे-बच्चियों का पुनर्वास अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे पुनः इस दलदल में न फंस जायं. इस वजह से सरकार द्वारा इनके पुनर्वास का प्रावधान किया गया है. सर्वप्रथम विमुक्त बच्चों का नामांकन आवासीय विद्यालय में किया जाना है, साथ ही उनके परिवार को आवास, पेंशन, मनरेगा आदि सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाना है.
अपर उप्पयुक्त ने लगातार निरीक्षण कर सरायकेला ज़िले को बाल श्रम से विमुक्त करने का निर्देश सभी पदाधिकारियों को दिया.

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp
Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp
Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!