महत्वपूर्ण कानूनों के प्रावधानों के प्रति जागरूक करना
झालसा, रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह की अगुवाई में आज 19 दिसम्बर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), सरायकेला द्वारा 90 दिनों के विधिक जागरूकता अभियान के तहत न्यायिक पदाधिकारियों तथा कर्मचारी, पारा लीगल वोलुण्टेर्स द्वारा प्रभातफेरी निकाली गई, जिसमें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह, प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट बीरेश कुमार, एडी चौधरी एहसान मोइज़ सहित सभी न्यायिक पदाधिकारी शामिल हुए।
झालसा राँची के निर्देशानुसार आज सिविल कोर्ट सरायकेला में जिला विधिक सेवा प्रधिकार के तत्वावधान में सभी थानों से आये अनुसंधानकर्ता I. Oपुलिस पदाधिकारियों के लिए एक विशेष कैपेसिटी बिल्डिंग और विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जांच अधिकारियों (IOs) को महत्वपूर्ण कानूनों के प्रावधानों के प्रति जागरूक करना और उनके कौशल को उन्नत करना था।
कार्यक्रम में POCSO अधिनियम, NDPS अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) अधिनियम, और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रामाशंकर सिंह, श्री बीरेश कुमार फैमिली जज, ADJ I चौधरी एहसान मोइज, CJM सुश्री कवितांजली टोप्पो,सचिव DLSA तौसीफ मेराज,JMFC श्रीमती अनामिका किस्कु,SDJM श्री आशीष अग्रवाल आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की सुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के प्रशिक्षण सत्र से हुआ,पुनः फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, एडीजे I चौधरी अहसान मोइज, DLSA के सचिव और जिला बार काउंसिल के सचिव कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं मे रहे। जिन्होंने कानूनों की बारीकियों को विस्तार से समझाया और जांच अधिकारियों को इन कानूनों के प्रभावी अनुपालन के लिए उपयोगी सुझाव दिए।
मामलों में साक्ष्यों की जांच और प्रबंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि POCSO अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) के अंतर्गत मामलों की संवेदनशीलता और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जांच प्रक्रिया को संवेदनशील और त्वरित बनाने पर जोर दिया। NDPS अधिनियम (नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम) के तहत मामलों में साक्ष्यों की जांच और प्रबंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
MACT अधिनियम से संबंधित मामलों में पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए सही तथ्यों और कानूनों का अनुपालन कैसे सुनिश्चित किया जाए, इस पर जिला बार काउंसिल के सचिव ने जानकारी दी।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और जांच प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। प्रशिक्षकों ने जांच अधिकारियों को कानूनी प्रावधानों और न्यायिक प्रक्रिया के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में शामिल जांच अधिकारियों ने इसे अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया। यह पहल कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन और समाज में न्याय की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में डीएसपी , LDCS के सहायक सुनीत कर्मकार तथा सभी थानों से आये पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्रधिकार के सचिव तौसीफ मेराज़ ने किया।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम जांच अधिकारियों को अधिक कुशल बनाएंगे और न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करेंगे।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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