सरायकेला : ईचाडीह गांव की विदुमुखी हंड़िया-दारू छोड़कर फूलो-झानो आशीर्वाद योजना का लाभ लेकर जी रही हैं सम्मानजनक जिंदगी 

समूह में जुड़ने से पहले समूह में जुड़ने से पहले विदुमुखी दारू बेचती थी. पति अकेले सब्जी की खेती करते थे. परिवार में कुल तीन सदस्य हैं. घर चलाने में दिक्कत होती थी. जरुरत को पूरा नहीं कर पाते थे. चाह कर भी अपने पति की मदद करने के लिए कार्य नहीं कर पाती थी। … Continue reading सरायकेला : ईचाडीह गांव की विदुमुखी हंड़िया-दारू छोड़कर फूलो-झानो आशीर्वाद योजना का लाभ लेकर जी रही हैं सम्मानजनक जिंदगी