विधवाओं के उद्धार के लिए एक कारगर कानून बनाना जरूरी -प्रमोद झिंजाड़े
एकल नारी सशक्ति संगठन एवं स्वर (सिंगल वूमेन एसोसिएशन फॉर राईज) की ओर से आज 23 जून को विश्व विधवा दिवस के अवसर पर नामकुम स्थित बगाईचा के सभागार में आयोजित विधवाओं के राज्य स्तरीय सम्मेलन (संकल्प सभा) में केंद्र सरकार से देश में विधवा प्रथा को भी सती प्रथा की तरह जड़ मूल से ख़त्म करने के लिए कारगर कानून बनाने की मांग की गई।
सम्मेलन में झारखंड सरकार द्वारा विधवाओं के हित में शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का स्वागत किया गया। साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा विधवाओं के सामाजिक और आर्थिक उन्नयन के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों से की गई अपील का भी स्वागत किया गया। सम्मेलन में सभी वक्ताओं ने यह उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की यह पहल देश की महिलाओं को सशक्त बनाने में कारगर भूमिका बनाएगी।
महिलाओं के साथ ही दोयम दर्जे का व्यवहार करना संविधान की आत्मा पर ही कुठाराघात
सम्मेलन के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र में विधवा प्रथा विरोधी आंदोलन के जनक और वरिष्ठ समाज सेवक प्रमोद झिंजाड़े ने कहा कि विधवाओं के उद्धार के लिए एक कारगर कानून बनाना जरूरी है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने कहा कि जब भारतीय संविधान में महिला- पुरुष समान हैं, तो फिर पति की मौत के बाद सिर्फ महिलाओं के साथ ही दोयम दर्जे का व्यवहार करना संविधान की आत्मा पर ही कुठाराघात है। इसके पहले प्रसिद्ध कवि कामेश्वर कुमार “कामेश”, गीता चौबे “गूंज” एवं रंजना ने विधवाओं की विडंबनाओं पर मार्मिक कविता का पाठ किया।
ये रहे सम्मेलन में शामिल
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रभाती टुडू, गुलाब फूल बिहारी जोर गुड्डा सिसिलिया मुर्मू, सुहागिनी मुर्मू रानीश्वर दुमका, सुहागिनी टुडू, बिटिओ मार्था, मांडरो, साहिबगंज, लीलावती देवी राजधनवार गिरिडीह, गुड़िया देवी डोमचांच, कोडरमा, शांति देवी, शंकरी देवी, गोमिया, बोकारो, समला बाला, कश्मार, बोकारो, हिमानी महतो, पटमदा, पूर्वी सिंहभूम, सुबला देवी, सिल्ली, रांची, कौशल्या देवी, कांके, रांची, जसिंता देवी, अरुणा देवी लोहरदगा, आरती चौरसिया, प्रतापपुर, चतरा, बिनीता देवी, परवाना खातून, सिमरिया, चतरा, यास्मीन खातून, कटकमसांडी, मनीषा श्वेता मरांडी, चुरचू, सोनाली प्रभा, सबिता कौर, मोना हसन, कामेश्वर वर्मा, सदर, हजारीबाग, शार्क ट्रस्ट से डॉ0 विश्वनाथ आजाद, बिन्नी, कुमार दिलीप के अलावा जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के अरविंद अंजुम आदि शामिल हुए।
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के उपलक्ष्य में 23 व 24 जून को रांची के नामकुम स्थित बगाईचा में संकल्प सभा
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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