“न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह”
गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 56 वां दिन है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,राजस्थान और मध्य प्रदेश की भागीदारी हो चुकी है। 1 से 5 नवंबर 2024 तक आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सर्वोदय साथी सत्याग्रह में भाग ले रहे हैं और आज उनका अंतिम जत्था बैठेगा। कल से तेलंगाना की टीम सत्याग्रह में शामिल होगी।
विरासत बचाने के लिए उपवास पर बैठे उड़ीसा के विनाय कुमार साहू
साथ में एन रामबाबू नायडू और दत्ता मनी भी उपवास में शामिल
आज उपवास पर उड़ीसा के ढेंकानाल जिले के विनय कुमार साहू बैठे हैं। वे स्वराज विचार मंच के प्रखंड संयोजक हैं। सन 2000 में उनका जुड़ाव गांधी विचार से हुआ। धीरे-धीरे यह विचार उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया और समाज में बदलाव के लिए सतत सक्रिय रहने लगे। सत्य,अहिंसा,मानवाधिकार,किसानों के हक के साथ- साथ नशाबंदी,शराबबंदी और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियानों में शामिल होते रहे हैं। वे उड़िया भाषा की प्रतिष्ठित दैनिक समाज के पत्रकार भी है।
सत्याग्रह में प्रतिवाद दर्ज कराने के लिए शामिल हुए हैं-विनाय कुमार साहू
विनय कुमार साहु सोचते हैं कि वर्तमान सरकार गांधी जी की आर्थिक नीतियों के खिलाफ है और कॉरपोरेट की मदद करना इनका एक मात्र उद्देश्य है। इस सरकार ने गांधी संस्थानों पर कब्जा कर उसे कॉर्पोरेट के हवाले करने का मन बना लिया है। यह सरासर गलत है और इसका हर संभव विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस सत्याग्रह में प्रतिवाद दर्ज कराने के लिए शामिल हुए हैं।
भारत के महान संतों और स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए आईडिया ऑफ़ इंडिया की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाए जलाए -100 दिवसीय सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। इस सत्याग्रह के समर्थन में इलाहाबाद, अकोला, पटना, वर्धा, कटक, भुवनेश्वर सहित उड़ीसा के 14 स्थानो पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कई कार्यक्रम सर्वोदय मंडल की ओर से हुए हैं तो कुछ समान विचार वाले संगठनों, जैसे- लोक समिति लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान, आइकैन द्वारा आयोजित किए गए है।
सर्व सेवा संघ परिसर का विध्वंस कानून के राज पर हमला है-अरविंद कुशवाह
सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह ने कहा कि राजघाट परिसर को वाराणसी एवं रेलवे प्रशासन ने एक कुचक्र के तहत कब्जा कर बुलडोज किया है। वाराणसी प्रशासन ने सबसे पहले फर्जी तरीके से एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा आवेदन कराया और उस पर जांच कराकर भ्रामक रिपोर्ट दी। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने हाई कोर्ट के आदेश का मनमाना अर्थ निकाला और कानून के दायरे के बाहर जाकर 26 जून 2023 को फैसला दे दिया कि सर्व सेवा संघ की जमीन नॉर्दर्न रेलवे की है। जिलाधिकारी को टाइटल डिसाइड करने का अधिकार नहीं है और हाईकोर्ट ने भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था। जिलाधिकारी के आदेश के दूसरे ही दिन नॉर्दर्न रेलवे ने मात्र 64 घंटे के अंदर परिसर खाली करने का नोटिस चिपका दिया।
एक के बाद एक योजनाबद्ध तरीके से परिसर को हड़पने के कदम उठाए जा रहे थे। इस साजिश में वाराणसी एवं रेलवे के चुनिंदे आला अधिकारी शामिल हैं जिनकी षड्यंत्रकारी भूमिका एक न्यायिक और निष्पक्ष जांच से उजागर होगी।
ये रहे शामिल
आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता विनय कुमार साहू, एन रामबाबू नायडू और दत्त मनी के अलावा सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, मंत्री अरविंद कुशवाह, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि के लाल बहादुर राय,वरिष्ठ गांधीवादी अलख भाई, लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, तारकेश्वर सिंह, लोक समिति आश्रम के प्रमुख नंदलाल मास्टर, जी रवि कुमार, जी प्रदीप कुमार, एन एस किरण, सुरेंद्र नारायण सिंह, लोक चेतना समिति की चारु पूनम, महेंद्र राठौर, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनूप श्रमिक, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही आदि शामिल हुए।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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