गांधी विरासत को बचाने के लिए सत्याग्रह का आज 44 वां दिन है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष जुलाई में वाराणसी एवं रेलवे प्रशासन ने मिलकर सर्व सेवा संघ परिसर एवं यहां स्थित प्रकाशन को अतिक्रमण बताकर बुलडोज कर दिया था। वास्तविकता यह है कि सर्व सेवा संघ ने 1960, 1961 व 1970 में यह जमीन उत्तर रेलवे से खरीदी थी, जिससे संबंधित सभी वैध कागजात सर्व सेवा संघ के पास हैं।
28 वर्षीय अंकित एक होनहार युवा गांधी विचारक हैं
इस विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं” नाम से 100 दिवसीय राष्ट्रीय सत्याग्रह सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर के किनारे सड़क पर चल रहा है। इस सत्याग्रह में पूरे देश के सर्वोदय सेवक,सामाजिक कार्यकर्ता व नागरिकगण शामिल हो रहे हैं। सत्याग्रह में शामिल होने सभी राज्यों के लोक सेवक एवं सर्वोदय मित्रों को अवसर मिले, इस हेतु तारीख नियत की गई है। मध्य प्रदेश को 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक सत्याग्रह संचालन की जिम्मेदारी मिली है। इस जिम्मेदारी के चौथे दिन यानी सत्याग्रह के 44 वें दिन छतरपुर से अंकित मिश्रा उपवास पर हैं।
28 वर्षीय अंकित एक होनहार युवा गांधी विचारक हैं। वह गांधी विचार में ही पले -बढ़े हैं और पिछले लगभग एक दशक से मध्य प्रदेश के गांधीवादी संस्थाओं से जुड़कर रचनात्मक काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे मध्य प्रदेश सर्वोदय मंडल के सचिव हैं। वे गांधी प्रणीत रचनात्मक कार्यों में गहरी रुचि व समझ रखते हैं।
..यह सब गांधियन संस्थानों में संभव
अंकित कहते हैं, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब हमारे बीच सशरीर नहीं हैं, ऐसे में उनके विचार रूपी संस्थाएं ही हमें बापू के जीवंत होने का अहसास कराती हैं। देश की अनेक संस्थाएं देखी लेकिन उन सबसे अलग गांधियन संस्थाएं हैं। ये बिना किसी सरकारी या विदेशी फंड के जनसहयोग से संचालित होती हैं।”
वे कहते हैं, “देश में ऐसी कितनी संस्थाएं हैं जहां एक आम नागरिक अपनापन महसूस करते हुए सम्मान पाता है। जहां जाति, धर्म की दीवारें नहीं है, यह सब गांधियन संस्थानों में संभव है। इसलिए हम सबको आज इनकी जरूरत महसूस हो रही है। मैं बापू व संविधान में भरोसा रखने वाले ऐसे सभी लोगों से निवेदन करता हूं कि वह इस विरासत को बचाएं। हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को अपने हृदय में संजोते हुए उनके स्मारकों व विचारों का सम्मान करना होगा तभी असली भारत बचेगा और बनेगा।”
आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता अंकित मिश्रा के अलावा सत्यनारायण प्रसाद,अनिल कु सिंह,अलख भाई, शक्ति कुमार,महेश चौधरी, ध्रुव भाई, पूनम, जागृति राही,नंदलाल मास्टर, अरविंद अंजुम, तरुण सिंह सिकरवार, रामदुलारे पाठक, मंजू दाँतरे, महेंद्र आदि शामिल हुए।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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