हमें इस सत्य पर भरोसा है और इसी का आग्रह लेकर यहां सत्याग्रह में शामिल हैं -अरविंद मूर्ति
“न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह” में कल 26 वें दिन में प्रवेश कर गया। सत्याग्रह में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के निवासी सुरेंद्र नारायण सिंह और उनके साथ वाराणसी के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह उपवास पर बैठे हैं। सुरेंद्र नारायण सिंह हैदराबाद की एक निजी कंपनी में कार्यरत थे, जहां उन्हें विनोबा भावे से प्रेरणा मिली। वे वहां की नौकरी छोड़कर वाराणसी आ गए और 1980 में सर्व सेवा संघ प्रकाशन में एक कार्यकर्ता के रूप में योगदान दिया। तब से लेकर आज तक ये अनवरत अत्यंत मनोयोग के साथ इसमें लग रहे। गत वर्ष जब परिसर एवं प्रकाशन को ध्वस्त किया गया, तब इसे फिर से सहेजने में इनका विशिष्ट योगदान है।
कठिन से कठिन परिस्थिति में धैर्य न खोने वाले सुरेंद्र नारायण अपने गांव में ईट भट्ठे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए काफी संघर्ष किया और सफलता पाई। डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक काल विभाग में प्राध्यापक के रूप में शिक्षण कार्य किया है। वे गत दो दशकों से भ्रष्टाचार विरोधी तथा किसान आंदोलन से जुड़े रहे हैं।
आज के सत्याग्रह में मऊ से आईकैन संयोजक अरविंद मूर्ति के नेतृत्व में एक टीम शामिल हुई। अरविंद मूर्ति ने सफगोई से कहा कि घृणा की विचारधारा को मानने वाले अपनी कायरता को हिंसक गतिविधियों के आवरण में छिपाना चाहते हैं। उन्हें यह विश्वास नहीं है कि समाज उनके विचार को सहज रूप से स्वीकार करेगा। इसलिए वे तमाम किस्म के अनैतिक हथकंडे अपनाते हैं। गांधी की हत्या और गांधी विचार से प्रेरित संस्थाओं को ध्वस्त कर वे मानवता के विचार को खत्म नहीं कर सकते। हमें इस सत्य पर भरोसा है और इसी का आग्रह लेकर यहां सत्याग्रह में शामिल हैं।
सद्बुद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना
मऊ से कृष्णदेव,रश्मि सिंह, मिर्जापुर से संध्या, किरण, आशा ट्रस्ट के प्रदीप की देख -रेख में बापू चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। चिंतामणी, हरिश्चंद्र बिंद,उर्मिला, महेंद्र, रमेश, हौसिला, संयुक्त किसान मोर्चा के रामजनम शामिल हुए। दिल्ली से प्रकाश, रामकिशोर, विमलेश, देवरिया के अयोध्या प्रसाद सत्याग्रह स्थाल पर आकर अपना समर्थन दिया। झारखंड जेम्स हेरेंज शामिल हुए और प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना किया।
सत्याग्रह स्थल पर आयोजित सभा मे बनारस के नाविकों, दुकानदारों, फेरी -पटरी वालों तथा ऑटो- टोटो चालकों पर हो रहे प्रशासन के जुल्म को उजागर किया गया। बनारस की गंगा को धीरे-धीरे कर कॉर्पोरेट के हवाले किया जा रहा है। पारंपरिक नाव चलने बंद हो रहे हैं और क्रूज चलाए जा रहे हैं। वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के नाम पर गरीब वर्ग को उजाड़ा जा रहा है
सभा का संचालन वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर ने किया।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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